छत्तीसगढ़ (जगदलपुर)

जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज में लैब टेक्नीशियनों की भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। आरटीआई के तहत मिली जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने ऐसे लोगों को नौकरी दी है, जिनके पास निर्धारित शैक्षणिक योग्यता ही नहीं है।

आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार झा के मुताबिक, जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज हुई इस फर्जीवाड़े में स्वास्थ्य सेवा के संयुक्त संचालक की संलिप्तता है, जिन्हें भर्ती का अधिकार ही नहीं था। स्वास्थ्य सेवाऐं बस्तर संभाग में अलग-अलग पदों के लिए 300 पदों में भर्ती की गयी थी। जिसमें लैब टेक्नीशियन के 90 पदों में भर्ती की गई। जानकारी में सामने आया कि लैब टेक्नीशियन के दस पद है जिसमें उम्मीदवारों ने 12वीं पास करने से पहले ही पैरामैडिकल की डिग्री हासिल कर ली है। नौकरी पाने वाले उम्मीदवारों ने दिल्ली, भुवनेश्वर और पटना से डिग्रीयां हासिल की हैं। जिन्हें छत्तीसगढ पैरामेडिकल काऊसिल की मान्यता नहीं हैं। इस फर्जी डिग्री और बिना 12वीं पास किए हुए लैब टेक्नीशियन के पदों पर भर्ती हुए लोग संभाग के अलग अलग जिलों में साल 2012 से पदस्थ्य है और नौकरी कर रहे हैं। इतने बडे पैमाने भर हुई भर्ती में किए गए फर्जीवाडें में इस बात की भी आशंका जताई जा रही हैं कि बिना अधिकार के की गयी इस भर्ती में बडे पैमाने पर लेन देन भी हुआ होगा। खास बात ये हैं कि इस पूरे मामले की जानकारी राजधानी में बैठे स्वास्थ्य सेवाओं की जिम्मेदारी संभाल रहे अफसरों को भी दी गई हैं, लेकिन किसी ने इस मामले की जांच करने की अब तक जहमत नहीं उठाई है।