नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय अब 20 लाख हेल्थकेयर प्रोफेशनल और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं की जनगणना करेगा। यह जनगणना सितंबर तक पूरी होने की उम्मीद है। इससे न सिर्फ इन स्वास्थ्य सुविधाओं की जिऑग्राफिकल लोकेशन के बारे में बल्कि इनकी परफॉर्मेंस का भी पता चल सकेगा। इस जनगणना में करीब 20 लाख अस्पतालों, डॉक्टरों, क्लीनिक, डायग्नॉस्टिक लैब, फार्मेसी और नर्सिंग होम शामिल होंगे। इनकी जनगणना इन्फ्रास्ट्रक्चर, परफॉर्मेंस जैसे 1400 अन्य वेरीअबल्स के आधार पर होगी। सरकार इसकी शुरुआत मणिपुर, ओडिशा, राजस्थान जैसे राज्यों से करेगी। वहीं सिक्किम, केरल, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में दिसंबर 2017 और जनवरी 2018 के बीच पायलट प्रोजेक्ट भी लॉन्च किया गया था।
इस जनगणना से उम्मीद की जा रही है कि इससे सभी स्वास्थ्य साधनों पर विस्तृत जानकारी मिलेगी और इससे केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतर इस्तेमाल के लिए समन्वय भी अच्छा होगा। नैशनल हेल्थ रिसोर्स रीपॉजटरी आयुष्मान भारत कार्यक्रम और स्वास्थ्य मंत्रालय के टीबी डिविजन के साथ भी काम करेगी। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के अनुसार यह कार्यक्रम महत्वाकांक्षी है और इसमें लगातार डेटा अपडेट करने की जरूरत होगी ताकि सरकार को सही जानकारी मिलती रहे। इस कार्यक्रम में करीब 4000 प्रोफेशनल्स जानकारी जुटाने के लिए काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस कार्यक्रम के लिए वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन और बिल गेट्स के मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ भी हाथ मिलाया है।