फिरोजाबाद। सरकारी अस्पतालों में आने वाली दवाओं पर सवाल उठने लगे हैं। घबराहट की दवा के रूप में दी जाने वाली दवा एल्प्राजोल का नमूना जांच में अधोमानक मिला है। जनपद में तीन हजार गोलियां मरीजों को बांटी जा चुकी हैं। शासन से दवा पर रोक लगाने के आदेश आने के बाद सीएमओ ने स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को पत्र लिखा है। साथ ही दवा के स्टॉक को दूसरे स्थान पर रखवा दिया गया है।

दरअसल फिरोजाबाद -सीएमओ – डॉ. नीता कुलश्रेष्ठ ने बताया कि एल्प्राजोल टैबलेट की जनपद में सप्लाई आई थी। यह दवा अधोमानक पाए जाने के बाद उसे दवा वितरण कक्ष से हटवा दिया गया है। आगे शासन के निर्णय के अनुुसार कार्य किया जाएगा। पूर्व में भी इस प्रकार की दवा आए थी, उनको वितरण नहीं कराया गया। दरअसल उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन लिमिटेड से जनपद में करीब 90 हजार एल्प्राजोल टैबलेट की आपूर्ति हुई थी। इसे कोलकाता की एक फर्म ने सप्लाई किया था।

करीब तीन हजार टैबलेट की सप्लाई सेंट्रल ड्रग हाउस फिरोजाबाद से स्वास्थ्य केंद्रों को कर दी गई। इसमें मरीजों को भी दवा का वितरण हो चुका है।इसके बाद आठ अक्तूबर 2020 को इस दवा का नमूना सुल्तानपुर जनपद से लिया गया। राज्य विश्लेषक लखनऊ ने जांच में इस दवा के नमूने को अधोमानक घोषित कर दिया है। रिपोर्ट आने के बाद शासन ने जनपद को पत्र भेजकर दवा वितरण पर रोक लगा दी है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जनपद में यह दवा संयुक्त अस्पताल शिकोहाबाद, जाटऊ और नारखी में सप्लाई की गई। सीएमओ के पत्र लिखे जाने के बाद सभी स्थानों पर इसे अलग रखवा दिया गया है।