रोहतक। हाईकोर्ट ने सप्लायर को निर्देश दिए हैं कि वह पीजीआई में जब्त किए गए आठ करोड़ के आर्थो इंप्लांट मंगाने वाले डाक्टर का नाम बताए। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की अपील पर ये निर्देश दिए हैं। वहीं, प्रदेश सरकार को अब तक आर्थो इंप्लांट के मामले में की गई कार्रवाई का स्टेटस रिपोर्ट देने और इंप्लांट को सुरक्षित रखने को कहा है। हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया है कि 20 नवंबर 2019 तक इस पूरे माामले में फाइनल जजमेंट दिया जाना है, इसलिए जवाब देने में देरी न हो। हेल्थ यूनिवर्सिटी व डायरेक्टर आफिस में ये आदेश पत्र पहुंचने के बाद प्रशासन में हडक़ंप मचा है। बता दें कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व पीजीआई में सिक्योरिटी आफिसर ने आठ करोड़ रुपये के अवैध आर्थो इंप्लांट पकड़े थे। पूरा मामला सार्वजनिक हुआ तो उसमें आर्थो विभाग के चिकित्सकों पर इन इंप्लांट को मंगाने के आरोप लगे थे। तब पीजीआई व सुरक्षा प्रशासन के अधिकारियों ने इंप्लांट को जब्त करते हुए सीज कर दिया था। इसके बाद पुलिस को भी कई बार एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखा गया, लेकिन आज तक केस दर्ज नहीं हुआ। कई महीने बीतने के बाद जब आठ करोड़ कीमत के इंप्लांट को रिलीज नहीं किया गया तो इंप्लांट सप्लायर ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए रिलीज कराने की मांग की थी। कोर्ट में मामला पहुंचते ही यह स्पष्ट हो गया कि किस व्यापारी ने इंप्लांट सप्लाई किए हैं। पीजीआई प्रशासन ने भी स्वीकारा कि अवैध इंप्लांट जब्त किए गए हैं। इस मामले में अब कमीशनखोरी भी सामने आ सकती है।