फरीदाबाद। हरियाणा फार्मासिस्ट ग्रुप ने फार्मासिस्टों के रजिस्ट्रेशन संबंधी समस्याओं को रेखांकित करते हुए जिला फरीदाबाद ड्रग कंटोलर के माध्यम से राज्य ड्रग कंटोलर को ज्ञापन ईमेल किया है। फार्मासिस्ट ग्रुप से जुड़े एक्टिविस्ट दीपक त्रिपाठी के अनुसार ज्ञपपन में कहा गया है कि हरियाणा प्रदेशभर में फार्मेसी एक्ट 1948, ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940, पीपीआर 2015 का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। प्रदेशभर के फार्मासिस्ट मेडिकल स्टोर्स पर अपना रेजिस्ट्रेशन/लाइसेंस किराये पर दे रहे हैं। एक फार्मासिस्ट के लाइसेंस पर अनाधिकृत रूप से कई मेडिकल स्टोर चल रहे हैं और फार्मासिस्ट अपना लाइसेंस किराये पर देकर स्वयं दूसरी जगह कार्यरत हैं। फार्मासिस्ट लाइसेन्स की आड़ में प्रदेश भर में अयोग्य व अनाधिकृत व्यक्ति मेडिकल स्टोर पर आम जनता का खुले आम दवा वितरण कर इलाज करके जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे ही अयोग्य व अनाधिकृत व्यक्ति प्रदेश में नशे को बढ़ावा दे रहे हैं और सरकार द्वारा प्रतिबंधित विभिन्न शेड्यूल की दवाइयां खुले आम बिना भय जनता को वितरण कर रहे हैं। कोराना महामारी को देखते हुए जनहित व राष्ट्रहित में आपका ध्यान हरियाणा प्रदेश में चल रहे मेडिकल स्टोर्स/अस्पताल फार्मेसी की तरफ आकर्षित करना चाहते हैं। कोविड-19 एक भयंकर जानलेवा व्यक्तिगत संपर्क व संक्रमण से फैलने वाली महामारी है। सरकार और कोरोना योद्धा इसे रोकने में तन-मन-धन से 24 घण्टे स्वयं की जान जोखिम में डाल जनता व देश की सेवा कर रहे हैं, लेकिन प्रदेशभर में मेडिकल स्टोर संचालक/क्लीनिक कोरोना संक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रदेशभर में 70 फीसदी मेडिकल स्टोर गैरकानूनी तरीके से कानून व नियम का उल्लंघन कर अयोग्य व्यक्ति द्वारा चलाए जा रहे हैं जो कि प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य के लिये जानलेवा सिद्ध होंगे। आये दिन यह खबर देखने को मिलती है कि अयोग्य व झोलाछाप व्यक्ति द्वारा दवा देने पर मौत हो गई। बता दें कि फार्मेसी एक्ट 1948 के अनुसार डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन पर फार्मासिस्ट के अतिरिक्त अन्य कोई व्यक्ति दवाई वितरण व परामर्श कार्य नही कर सकता है लेकिन इन मेडिकल स्टोर पर अयोग्य व अनाधिकृत व्यक्ति आम जनता को दवा वितरण कर इलाज कर रहे हैं। यह न सिर्फ खुले आम कानून व एक्ट का उल्लंघन है साथ ही आम व मासूम जनता के स्वास्थ्य के साथ भारी खिलवाड़ है और कोविड-19 को बढ़ावा देना है। इन 70 फीसदी मेडिकल स्टोर पर कार्यरत व्यक्ति अयोग्य होते हैं और वह गैरकानूनी तरीके से फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में दवा के माध्यम से जनता का इलाज कर उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। प्रदेश में फार्मासिस्ट का रेजिस्ट्रेशन व लाइसेंस किराये पर खरीदकर अधिकतर मेडिकल स्टोर गैरकानूनी तरीके से अयोग्य व्यक्ति द्वारा चलाये जा रहे हैं। नियमानुसार मेडिकल स्टोर पर फार्मासिस्ट (योग्य व्यक्ति) को ड्रेस कोड पहनना अनिवार्य है ताकि जनता को दवा लेते समय फार्मासिस्ट( योग्य व्यक्ति) की पहचान हो सके और दवा व डोज की सही व उचित सलाह मिल सके लेकिन कोई भी मेडिकल स्टोर संचालक इस नियम की पालना नही करता है। न ही कोई ड्रग अधिकारी उपरोक्त नियमों की स ती से पालना करवाता है । दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि मिलीभगत से ही प्रदेशभर में यह गोरखधंधा पनप रहा है जो कि जनहित, समाजहित व राष्ट्रहित में बड़ी बाधा साबित हो रहा है। ड्रग अधिकारियों द्वारा कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। आपसे विनम्र प्रार्थना है कि जनहित व राष्ट्रहित में इस बारे में उचित कदम उठाएं व प्रदेश के सभी जिला ड्रग अधिकारियों को फार्मेसी एक्ट की पालना को लेकर स त कार्यवाही के आदेश जारी करें। वहीं, प्रदेशभर के फार्मासिस्टों का रजिस्ट्रेशन व खाता नंबर को आधार कार्ड से लिंक करने के आदेश अमल में लाने को कहें। साथ ही, ऐसा न करने वालों के खिलाफ सजा का प्रावधान किया जाए।