रोहतक। हरियाणा गर्भ में बेटियों की हत्या के लिए कुख्यात था। फिर लोगों में जागरुकता लाने के लिए सरकार ने बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री माधुरी दीक्षित ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की ब्रांड एंबेसडर बना दिया। फिर धीरे -धीरे बेटियों के प्रति विचार बदले और लोगों में जागरुकता आई। बीते 5 साल में लिंगानुपात अच्छा था। लेकिन एक बार फिर से लैंगिक अनुपात बिगड़ गया है और ऐसा लगने लगा कि शायद फिर से बेटियां नहीं बच नहीं पा रही हैं। बता दें कि इस साल के पहले नौ महीनों के दौरान यानी सितंबर तक जन्म के समय लिंगानुपात में पिछले साल की तुलना में 16 अंकों की गिरावट देखी गई।

2020 में यह 922 थी, जो इस साल 30 सितंबर तक घटकर 906 हो गई। दरअसल, इस साल 2021 में प्रदेश के 22 जिलों में से 13 जिलों में लिंगानुपात राज्य के औसत (906) से नीचे दर्ज किया गया है। वहीं, सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए रोहतक ने 955 का लिंगानुपात दर्ज किया, जोकि पिछले साल के आंकड़े में 43 अंकों का सुधार किया है। इसके बाद लिंगानुपात में चरखी दादरी (937), पानीपत (930), नूंह (922), जींद (919) और सिरसा (919) का स्थान रहा है। इसके साथ ही 880 के न्यूनतम लिंगानुपात के साथ सोनीपत और झज्जर सबसे खराब प्रदर्शन वाले जिले थे।

इसके अन्य जिलों में फतेहाबाद में 882, अंबाला (891), रेवाड़ी (892), करनाल और फरीदाबाद (896 ), भिवानी और कैथल ( 897), पलवल (899), गुरुग्राम (901), यमुनानगर (902) और महेंद्रगढ़ (905) का लिंगानुपात दर्ज किया गया। बता दें कि इस साल 1 जनवरी से 30 सितंबर के बीच हरियाणा में कुल 3,65,393 बच्चों का जन्म हुआ। इनमें 1,91,662 पुरुष और 1,73,731 महिलाएं थीं। हालांकि, लिंगानुपात में गिरावट का अब तक असल कारण सामने नहीं आया है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जन्म के समय लिंगानुपात में गिरावट के कारणों का पता जिलों से रिपोर्ट मिलने के बाद ही लगाया जाएगा।

बता दें कि सोनीपत और झज्जर सबसे खराब प्रदर्शन वाले जिले थे। बता दें कि प्रदेशभर के लिंगानुपात के आंकड़ों को देखा जाए तो साल 2020 में 31 जुलाई तक जन्मदर में गिरावट दर्ज की गई है। जहां साल 2019 में जन्मदर का अनुपात 923 था जोकि अब घटकर 914 पर पहुंच गया है। इसमें फतेहाबाद जिले में सबसे ज्याद लिंगानुपात दर्ज की गई है। यहां 948 तो दूसरे स्थान पर कैथल में 942 लिंगानुपात दर्ज की गई है।