चंडीगढ़। गुरूग्राम के फोर्टिस अस्पताल का मामला लगातार सुर्खियों में छाया हुआ है। डेंगू से बच्ची आद्या की मौत के बाद करीब 16 लाख का बिल देने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने तल्ख प्रतिक्रिया दी है। हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर कहा है कि अब अस्पतालों को दवा की दुकान नहीं बनने दिया जाएगा।

डेंगू के बढ़ते मामलों पर हाईकोर्ट मे सुनवाई के दौरान अदालत के सहयोगी एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने कहा कि गुरूग्राम के फोर्टिस हॉस्पिटल ने सात वर्षीय बच्ची का 15 दिन इलाज कर उसके पिता को 15,79,322 रुपए का बिल थमा दिया। ये बिल 15 पन्नों का था, जिसमे बताया गया कि 15 दिनों के इलाज के दौरान 660 सीरिंज और 2700 ग्लव्स भी इस्तेमाल किए गए।

जिसके बाद अनुपम गुप्ता ने फोर्टिस मामले की जांच रिपोर्ट की मांग की। इस मांग पर हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि रिपोर्ट दो हजार से ज्यादा पन्नों की है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस अजय कुमार मित्तल जस्टिस अमित रावल की खंडपीठ ने अनुपम गुप्ता को रिपोर्ट दिए जाने के निर्देश दिए। अब मामले पर अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को कहा कि ऐसे मामलों की जांच एसआईटी से कराई जाए। ताकि इन मामलों का समाधान जल्द निकाला जा सके।