आपने कई तरह के घोटाले के बारे में सुना होगा, लेकिन आज हम आपको दवा घोटाला के बारे में बताने जा रहे हैं। राजस्थान के जयपुर में महाराणा भूपाल अस्पताल में दवा घोटाले करने का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। जहां निशुल्क दवा वितरण के लिए खरीदे गए लाखों रुपए की दवाएं गायब हो गई।
आपको बता दें कि जिस दवा के गायब होने की बात कही जा रही है व स्थानीय खरीद की दवा थी। यह दवाएं हार्ट फेलियर के मरीजों के लिए मंगवाई गई थी। इन दवाओं की कीमत लाखों में बताई जा रही है । यह दवाई स्टोर से डीसीसी पहुंचने के बीच में ही गायब हो गए। जानकारी अनुसार लगभग 1700 टेबलेट गायब होने की बात कही गई है। इस दवा का नाम सेक्यूब्रिट्रिल, वेलसरर्टन टेबलेट है। यह दवाएं हार्ट फेलियर के मरीजों के लिए मंगवाई गई थी।
इस दवा घोटाले की जानकारी होने पर एमबी अधीक्षक डॉ अंशुमन ने 4 सदस्यों की कमेटी जांच के लिए बनाई, लेकिन अब तक इसकी रिपोर्ट कमेटी द्वारा उनको नहीं दी गई है ना ही सदस्यों ने किसी के नाम का खुलासा किया है। यह मामला पूरी तरह दबाने के प्रयास किया जा रहा था ।
वहां के स्थानीय बाजार में 8 टेबलेट की कीमत लगभग ₹2800 बताई जा रही है। ऐसे में ₹5,95000 की यह दवाई बताई जा रही हैं। आपको बता दें कि जिस दवा के गायब होने की बात कही जा रही है व स्थानीय खरीद की दवा थी। आखिर यह दवा कहां गई इस बात की जानकारी या जवाब किसी के पास नहीं है।
दिसंबर के महीने में पूरे मामले में हेल्पर पर ठीकरा फोड़ा गया तो उसे नौकरी से निकाल दिया गया जबकि अन्य किसी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है, और ना ही इस मामले में कमेटी ने कोई भी जांच रिपोर्ट अधीक्षक को सौंपी है।