DCA: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में लगातार नकली और घटिया दवाओं का मामला सामने के बाद ड्रग कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन (DCA) ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब हर महीने डीसीए दवाओं का निर्माण करने वाले परिसरों का निरीक्षण करेगा।

नकली, मिलावटी और घटिया दवाओं का निर्माण करने वाली इकाइयों में निरीक्षण का आदेश (DCA)

मुख्य सचिव ने राज्य में गुणवत्तापूर्ण दवाओं के निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए डीसीए के अधिकारियों के साथ बैठक  की। इस बैठक में डीसीए के अधिकारियों को नकली, मिलावटी और घटिया दवाओं का निर्माण करने वाली इकाइयों में निरीक्षण बढ़ाने के निर्देश दिए गए।

श्रेणी ए के अपराध जो नकली और मिलावटी दवाओं के निर्माण से संबंधित हैं, अतिरिक्त विनियमन को आकर्षित करेंगे और उनके परिसरों का हर महीने निरीक्षण किया जायेगा। दवाओं की गुणवत्ता की जांच के लिए सैंपल भी लिए जायेंगे जबकि नए निर्देशों के मुताबिक ऐसी इकाइयों की सालाना समीक्षा की जायेगी।
श्रेणी बी के गंभीर दोषों से संबंधित अपराध जो घोर लापरवाही या विनिर्माण मानदंडों के अनुरूप न होने के कारण दवाओं की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं, उन्हें त्रैमासिक निरीक्षण और नमूने लेने का सामना करना पड़ेगा। ऐसी इकाइयों की वार्षिक आधार पर समीक्षा भी की जायेगी।

इस साल हिमाचल प्रदेश की 76 दवाओं के नमूने घटिया पाए गए 

सीडीएससीओ द्वारा साल 2023 में जारी किए गए मासिक अलर्ट में स्पष्ट किया गया है कि इस साल हिमाचल प्रदेश में बनने वाली 76 दवाओं के नमूने घटिया पाए गए थे। शीर्ष दवा नियामक सीडीएससीओ के द्वारा साल 2022 में जारी घटिया दवाओं की सूची में लगभग 20 दवा इकाइयों के नमूने बार-बार पाए गए थे। ऐसी इकाइयां अब डीसीए की जांच के दायरे में थीं।

ऐसे में अब दवा निर्माताओं को निर्देशित किया गया है कि वे अपनी दवाइयों का निर्यात करने से पहले हर बैच का परीक्षण करें और पर्याप्त कर्मचारियों के साथ-साथ काम के बोझ और एक इकाई की परीक्षण क्षमता की प्रतिनियुक्ति करें। नकली, मिलावटी और घटिया दवाओं के निरीक्षण को बढ़ाने के अलावा अच्छी प्रयोगशाला पद्धतियों के अनिवार्य पालन पर भी जोर दिया गया है।