नई दिल्ली। एक बार फिर दिल्ली में सरकार और उपराज्यपाल आमने सामने दिख रहे है। इस बार मुद्दा हेल्थ फॉर ऑल स्कीम का है। इस स्कीम के लिए इनकम क्राइटेरिया के सुझाव को लेकर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा लगाए गए आरोप पर उपराज्यपाल ऑफिस का जवाब आया है। एलजी ऑफिस की तरफ से साफ किया गया है कि हमेशा सरकार के पॉजिटिव कदम का समर्थन किया गया है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने प्लानिंग और फाइनैंस डिपार्टमेंट की सिफारिशों के आधार पर इनकम क्राइटेरिया का सुझाव दिया था, जिसपर कई सूचनाएं गलत दी गई।

एलजी ऑफिस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि किसी भी सरकार के पास असीमित संसाधन नहीं है। इसलिए ये जरूरी हो जाता है कि सरकारी संसाधनों का पहले गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए उपयोग करें। दिल्ली सरकार के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए एलजी ऑफिस ने बताया कि यह बात हैरान करने वाली है कि चुनी हुई सरकार पॉश कॉलोनियों में रहने वाले अमीर लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए राज्य के संसाधनों का इस्तेमाल कर रही है।

इतना ही नहीं, आगे बयान में बताया गया कि दिल्ली वालों के लिए हेल्थ केयर डिलिवरी सिस्टम को मजबूत करने की सोच रखते हुए एलजी ने कैबिनेट के फैसलों पर सहमति दी थी। अगर चुनी हुई सरकार का एक अलग दृष्टिकोण है तो नियमानुसार इस मामले पर फिर विचार किया जा सकता है। एलजी ऑफिस ने अपने बयान में दुख जताया कि चर्चा की जगह मीडिया के माध्यम से मुद्दों को सुलझाने का फिर से प्रयास नहीं हो रहा है।