हैदराबाद। गांधी अस्पताल में मंगलवार को एएमसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात पीजी मेडिकोकर्मियों (जूनियर डॉक्टर) पर कोरोना संक्रमित मरीज के करीबियों ने हमला किया। इस घटना के विरोध में वहां के स्टाफ ने नारेबाजी की और आंदोलन पर उतर आये।
पता चला है कि 55 साल का कोरोना मरीज टायलेट जाते समय नीचे गिर गया और उसकी मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण ही मरीज की मौत हो गई है। इसके बाद उन्होंने जूनियर डॉक्टरों पर हमला किया और अस्पताल में तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी।
तेलंगाना स्टेट जूनियर डॉक्टर्स यूनियन (जीजेयूडी) ने इस घटना की निंदा की और सरकार से आग्रह किया कि गांधी अस्पताल पर कोरोना मरीजों का पूरा भार न डालते हुए जिला अस्पतालों में भी इलाज शुरू करना चाहिए। उन्होंने यह भी गांधी अस्पताल में पर्याप्त सुविधा न होने के कारण जूनियर डॉक्टर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
कहा जा रहा है कि हाल ही में कोरोना संक्रमण से मारे गये टीवी 5 पत्रकार डी मनोज ने अपने कथित अंतिम बयान में कहा है कि उसे इलाज के लिए गांधी अस्पताल में भर्ती करवाने से अच्छा होता कि सीधे श्मशान वाटिका ही ले जाते। मरने वाला कभी झूठ नहीं बोलता है। यदि यह बात सही है तो गांधी अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था दयनीय है। इससे पहले भी कोरोना संक्रमित एक डॉक्टर ने भी एक वीडियो जारी करके गांधी अस्पताल की दुर्दशा बताई थी।
इतना ही नहीं हाल ही में बीजेपी के गोशामहल के विधायक टी. राजा सिंह ने भी गांधी अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाई थी। साथ ही कोरोना मरीजों की सेवा करने का मौका देने आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री केसीआर को पत्र भी लिखा है। इससे पहले एआईएमआईएम के विधायक ने भी गांधी अस्पातल का दौरा किया और उसकी तुलना जेल से भी बदतर बताया था।