आगरा। औषधि विभाग की टीम ने हॉकर के मकान में छापा मारकर कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) हॉस्पिटल की सप्लाई और सैंपल की दवाओं का जखीरा बरामद किया है। टीम ने 12 बोरों में करीब पांच लाख की दवाएं जब्त करने के साथ हॉकर को भी गिरफ़्तार कर लिया।
सहायक आयुक्त औषधि शिव शरण सिंह ने बताया कि फव्वारा दवा बाजार में हॉकर मनीष भाटिया तीन साल से दवाओं का अवैध कारोबार कर रहा था। मुखबिर की सूचना पर उसके घर बल्केश्वर में छापा मारा। घर के कमरों में बड़ी संख्या में एंटीबायोटिक, दर्द, ब्लड प्रेशर, मधुमेह सहित दवाओं के 12 बोरे जब्त किए गए। इसमें ईएसआइ हॉस्पिटल सप्लाई की मुहर लगी हुईं सैकड़ों टेबलेट हैं। इसके साथ ही बड़ी संख्या में सैंपल की दवाएं हैं। पूछताछ में मनीष भाटिया ने बताया कि वह लखनऊ और गोरखपुर से दवा प्रतिनिधियों (एमआर) से सस्ती दर पर दवाएं खरीदता था। इन दवाओं की ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई करता था। दवाओं की सौदेबाजी के लिए फव्वारा जाकर खड़ा हो जाता था। यहां आने वाले दवा कारोबारियों से सस्ती दर पर दवाओं की सप्लाई के लिए ऑर्डर लेता था। इसके बाद अपने घर से दवाओं की सप्लाई करता था। ईएसआई हॉस्पिटल की दवाएं कहां से खरीदी गई थीं, इसके लिए पूछताछ की जा रही है।
टीम में पुलिस फोर्स के साथ औषधि निरीक्षक मुकेश पालीवाल, सुनील कुमार, राघवेंद्र कुमार सिंह, जयवीर सिंह आदि मौजूद रहे। उधर, औषधि विभाग की कार्रवाई से दवा कारोबारियों में खलबली मची रही। हॉकर से एंटी रैबीज वैक्सीन भी मिलने की चर्चाएं चलती रहीं। ये वैक्सीन बाजार में शॉर्ट चल रही हैं। सहायक आयुक्त औषधि शिव शरण सिंह का कहना है कि ईएसआई और सैंपल की दवाओं में टेबलेट मिले हैं। एंटी रैबीज वैक्सीन के साथ ही किसी तरह का इंजेक्शन नहीं मिला है। वहीं, दवाओं के अवैध कारोबार के खिलाफ अभियान चला रहे जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष आशु शर्मा का कहना है कि तीन साल से हॉकर दवाओं की सप्लाई कर रहा था। इसके बाद भी औषधि विभाग को भनक तक नहीं लगी। उनका आरोप है कि अवैध दवा कारोबारियों से सौदेबाजी की जा रही है।