उज्जैन: यहां नारकोटिक्स विभाग की कार्रवाई से होलसेल दवा व्यापारियों की टेंशन बढ़ गई है। पहले छापामार कार्रवाई और उसके बाद पांच साल का रिकॉर्ड मांगे जाने से दवा व्यापारी समझ नहीं पा रहे है कि क्या करें। दरअसल, माधव क्लब रोड के होलसेल दवा बाजार में करीब आधा दर्जन से अधिक फर्मों पर ग्वालियर नारकोटिक्स के असिस्टेंट कमिश्नर धर्मराज की टीम ने चेकिंग की थी। चेकिंग के बाद अब ये दवा व्यापारी एक-एक दस्तावेज एकत्रित करने में जुटे हैं, क्योंकि इन्हें पांच साल के कारोबार का रिकॉर्ड 15 जनवरी तक नारकोटिक्स ग्वालियर के असिस्टेंट कमिश्नर कार्यालय पहुंचाना है। कोडीन युक्तफेंसीडिल सीरप को इन फर्मों से भोपाल, छतरपुर, पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश में नियम विरुद्ध बेचने के मामलों में ये कार्रवाई हुई थी।

केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष गौतम चंद धींग ने कहा कि नारकोटिक्स की कार्रवाई का असर शहर में दिखाई दे रहा है। अधिकतर मेडिकल स्टोर संचालकों ने इसे प्रतिबंधित दवा करार देते हुए बताया वे इस सीरप को बेचते नहीं है। नारकोटिक्स ने जो रिकॉर्ड मांगा है उन्हें मुहैया करवाएंगे। व्यापारियों ने नियमों में रहकर ही कारोबार किया है।