पटना। बदलते मौसम के साथ डेंगू और वायरल फीवर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बता दें कि इन दिनों पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, गार्डिनर रोड अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों में सबसे अधिक वायरल, डेंगू व मलेरिया के मरीज इलाज को पहुंच रहे हैं। शहर के अधिकांश सरकारी व प्राइवेट हॉस्पिटल में बेड भरने लगे हैं। लैब में टेस्ट से लेकर ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स के लिए लंबी कतार है।

दवा की प्रमुख दुकानों पर भीड़ पहले से 10 गुना ज्यादा है। पटना सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि सभी पीएचसी व सीएचसी में डेंगू व मलेरिया से पीड़ित होकर आने वाले मरीजों की कोविड जांच के निर्देश। मलेरिया रोगियों के साथ कोरोना जांच सैंपल भी लिये जा रहे हैं। शहर में सभी लैबों पर रोजाना आठ से 10 हजार मरीजों की सीबीसी (कंप्लीट ब्लड काउंट) हो रही है। इसके अलावा 1200 से 1500 डेंगू टेस्ट रोजाना हो रहे हैं। इसके अलावा नारियल पानी की मांग दस गुना बढ़ गयी है। जहां पहले दो व्यापारी मिल कर एक ट्रक नारियल पानी मंगाते थे वहीं अब एक व्यापारी एक ट्रक नारियल पानी मंगा रहे हैं।

इधर, गांवों में भी मौसमी बीमारी के साथ ही बुखार के बढ़ते प्रकोप बीच स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) व सीएचसी को अलर्ट जारी किया है। अब पटना जिले के सभी पीएचसी व सीएचसी को भी अलर्ट जारी कर किया गया है। जांच लिए पीएचसी में कैंप लगाने का निर्देश जारी किया गया है। बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के महासचिव रमेश चंद्र तलरेजा ने बताया कि दो महीने से मॉसकीटो आइटम सेल में 25 से 30 फीसदी का इजाफा हुआ है। प्रति महीने करीब 25 लाख रुपये की सेल थी, जो बढ़कर 50 लाख रुपये से अधिक हो गयी है। डेंगू और मौसमी बीमारियों के चलते सबसे ज्यादा असर ग्लूकोज की सेल पर आया है। पहले शहर भर में 15 लाख रुपये महीने की सेल थी, लेकिन दो महीने में यह 25 लाख रुपये से ज्यादा हो गयी है।

इसकी सेल में 30 से 35 फीसदी तक अंतर आया है। अब भी गर्मी तेज होने से डिमांड आ रही है। बिहार ड्रगिस्ट एवं केमिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ पीके सिंह ने बताया कि मई व जून महीने में डेंगू व मलेरिया की दवाओं की बिक्री अधिक नहीं थी। लेकिन बारिश के सीजन में आने वाली डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारियों को लेकर अभी दवा दुकानों में फिर से भीड़ बढ़ी है। खांसी, जुकाम के मरीज भी दवा लेने पहुंच रहे हैं। दोनों बीमारियों से जुड़ी दवाओं की डिमांड करीब 25 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गयी है।