राजस्थान में फर्जी डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई जारी है। ताजा घटनाक्रम में डूंगरपुर में झोलाछाप डॉक्टर और नीम हकीम के खिलाफ अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग ने एक अवैध क्लिनिक का भंडाफोड़ किया है।

मामला बिछीवाड़ा इलाके में किराए की दुकान में बेड लगाकर मरीजों का इलाज किये जाने का है। दवाखाने पर छापेमारी के दौरान पता चला कि 10 सालों से मरीजों को चेक किया जा रहा था। दवाखाने से भारी मात्रा में दवाइयां भी मिली हैं।

मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि बिछीवाड़ा में झोलाछाप के क्लिनिक पर दबिश दी। झोलाछाप त्रिलोक सिंह नेगी एक किराए की दुकान में 5 बेड लगाकर मरीजों का इलाज करते हुए मिला। खुद को डॉक्टर बताकर मरीजों का इलाज करने वाले त्रिलोक के पास न तो दवाखाने का रजिस्ट्रेशन मिला और न ही उसका कोई आईडी कार्ड था। नीम हकीम ने खुद को देहरादून का रहने वाला बताया। दवाखाने में भारी मात्रा में एलोपैथी दवाइयां भी भरी हुई मिली, जिसमे कई दवाइयां प्रतिबंधित है।

ड्रग इंस्पेक्टर को बुलाकर दवाखाने से मिली दवाइयों की जांच करवाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने नीम हकीम के क्लिनिक को सील कर दिया है।