जयपुर। डॉक्टर की डिग्री 12वीं पास 100 युवाओं को थमाने का भंडाफोड़ हुआ है। राजस्थान में अन्य राज्यों की मेडिकल काउंसिल के फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार 12वीं पास करीब सौ युवकों को डॉक्टर बना दिया गया और उन्हें अस्पतालों में पदस्थ भी कर दिया गया।
यह है मामला
मेघालय, उत्तरप्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, महाराष्ट्र आदि राज्यों के इन युवाओं ने यहां बतौर चिकित्सक पंजीकरण कराया और वे मरीज भी देखने लगे। यह फर्जीवाड़ा सामने आने पर चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने राजस्थान मेडिकल काउंसिल (आरएमसी) के पंजीयक डा. राजेश शर्मा को निलंबित कर दिया है।
बता दें कि जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के अतिरिक्त अधीक्षक को पंजीयक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उधर, चिकित्सा विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ की ओर से गठित पांच सदस्यीय कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। कमेटी की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि युवाओं ने एक भी दिन एमबीबीएस की पढ़ाई नहीं की है।
गौरतलब है युवाओं ने विभिन्न राज्यों की मेडिकल काउंसिल के फर्जी प्रमाण पत्र पेश कर आरएमसी में पंजीकरण कराया। पंजीकरण करते समय अधिकारियों ने न उनके प्रमाण पत्रों की जांच की और न ही एमबीबीएस की डिग्री देखी। पैसे लेकर आरएमसी के अधिकारियों ने फर्जीवाड़े से 12वीं पास युवाओं का बतौर चिकित्सक पंजीकरण किया।
बता दें कि आरएमसी राजस्थान में चिकित्सकों का पंजीकरण करने वाली सरकारी संस्था है। सरकारी और गैर सरकारी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद आरएमसी में पंजीकरण कराना आवश्यक होता है।