जयपुर (राजस्थान)। कफ सिरप बनाने वाली केसन्स फार्मा की सभी 19 प्रकार की दवाएं बैन हो गई हैं। खांसी की दवा से जुड़े विवाद के चलते स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम उठाया है। हाल ही में सीकर, भरतपुर और अन्य जिलों में तीन बच्चों की मौत के बाद मामला गर्मा गया है। डेक्सट्रोमैथोरफन हाइड्रोब्रोमाइड युक्त कफ सिरप को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गहन जांच और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विस्तृत जांच के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की है। 5 साल से कम उम्र के बच्चों को यह दवा न देने पर जोर दिया है।
यह है मामला
सीकर में 5 वर्षीय नितीश को खांसी-जुकाम के इलाज मे सिरप दी गई। केसन्स फार्मा की इस दवा के सेवन के बच्चे की मौत हो गई। इसी तरह, भरतपुर के माल्हा गांव में 2 वर्षीय सम्राट जाटव की मौत हो गई।
जयपुर के संगानेर में 2 वर्षीय बच्ची को भी प्राइवेट अस्पताल पहुंचाया गया। वह आईसीयू में भर्ती रही। कुल मिलाकर, राज्य में तीन बच्चों की मौत की शिकायतें हैं। 22 बैचों के सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे गए हैं और केसन्स फार्मा की आपूर्ति रोकी गई है।
केसन्स फार्मा का काला इतिहास
जयपुर स्थित केसन्स फार्मा का इतिहास विवादों से भरा पड़ा है। कंपनी के 10,119 सैंपल टेस्ट किए गए, जिनमें से 42 फेल हो चुके हैं। उनके एक कफ सिरप बैच को डिबार किया था। फरवरी 2025 में भी ड्रग सेफ्टी लॉ उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया। बैन के बावजूद उनकी दवाएं मुख्यमंत्री योजना के तहत वितरित होती रहीं। कंपनी का कारखाना लॉक मिला और अधिकारियों ने नोटिस जारी करने की तैयारी की है। मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की है। समिति टेस्ट रिपोर्ट की समीक्षा करेगी और अगले कदम सुझाएगी।