फ्रांस। फ्रांस की दवा निर्माता कंपनी को अदालत ने ‘धोखाधड़ी’ और ‘मौत का कारण बनने’ का दोषी पाया है। आरोप है कि सरवियर ने डायबिटीज के लिए मेडिएटर नाम से दवा का निर्माण किया था और उसके इस्तेमाल से मरीजों पर नकारात्मक असर हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, गोली का संबंध दो हजार लोगों की मौत से जोड़ा गया। दरअसल 2010 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मेडिएटर इस्तेमाल करने वाले लाखों लोगों में दो हजार की संदिग्ध मौत की वजह बनी और उसकी बिक्री करीब 30 साल से हो रही थी।

1998 में गोली के सुरक्षित होने का मामला उठानेवाले एक डॉक्टर ने गवाही दी कि दावा वापस लेने के लिए उसे धमकी दी गई थी। गोली की सुरक्षा को लेकर पहली बार 2007 में चेतावनी जारी की गई। लंग विशेषज्ञ ने मेडिएटर और गंभीर दिल और लंग नुकसान के बीच संबंध को जाहिर किया। चेतावनी के बाद सरवियर ने 1997 और 2004 के बीच मेडिएटर को कई देशों के बाजारों से वापस ले लिया, लेकिन उसके बावजूद फ्रांस में 2009 में दवा पर बैन लगाया गया। बचाव पक्ष ने दलील दी कि 2009 से पहले मेडिएटर से जुड़े खतरों का कंपनी को जानकारी नहीं थी। अदालत को बताया गया कि कंपनी ने कभी दिखावा नहीं किया कि दवा डाइट की एक गोली थी।

बता दें कि आरोप को सही पाते हुए अदालत ने कंपनी पर 32 करोड़ अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया। अदालत ने माना कि कंपनी ने अपनी गोली के खतरनाक साइड-इफेक्ट्स को लोगों से छिपाया। कंपनी के पूर्व अधिकारी को भी चार साल कैद की सजा सुनाई गई, फिलहाल अदालत ने सजा को स्थगित कर दिया है। फ्रांस की दवा नियामक संस्था पर भी 36 लाख अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। संस्था पर आरोप है कि उसने बाजार में कई साल तक घटिया दवा की बिक्री पर नरमी बरती और मरीज की मौत को रोकने में नाकाम रही। मुकदमे की शुरुआत 2019 में हुई थी और आरोपों के मुताबिक फ्रांस के इतिहास में सबसे बड़ा स्वास्थ्य घोटाला माना जा रहा है।