सिलीगुड़ी। एक तरफ पश्चिम बंगाल सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की बात कर रही है। वहीं केंद्र सरकार भी बेहतर चिकित्सा सेवा देने के लिए नेशनल अर्बन व रूरल हेल्थ मिशन चला रही है। लेकिन हकीकत में इन मिशन के हालात के जमीन पर हालात बेहद खराब है। नया मामला सिलीगुड़ी से सटे फूलबाड़ी-1 नंबर ग्राम पंचायत का है।
यहां नेशनल रूरल हेल्थ मिशन की हवा निकल चुकी है। ऐसे अगर मिशन चलाए जाते है तो आप कहेंगे ऐसे मिशन ना ही चलाए जाए तो बेहतर है। ग्राम पंचायत कार्यालय का होमियोपैथ सेंटर एक वर्ष से बंद पड़ा है। डॉक्टर के अभाव में इलाके के मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। पंचायत ने ब्लॉक मेडिकल अधिकारी से लेकर मंत्री तक गुहार लगायी है, लेकिन कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है।
होमियोपैथ सेंटर में रखी गयी करीब 25 हजार की दवाइयां खराब हो रही हैं, लेकिन इसे कोई देखनेवाला नहीं है। करीब एक वर्ष से इस सेंटर में होमियोपैथ का डॉक्टर नहीं है। इतना काफी नहीं था कि एनआरएचएम मिशन के तहत फूलबाड़ी-1 नंबर ग्राम पंचायत कार्यालय में आयुष सेंटर भी खोला गया था। जिसका डॉक्टर भी सेंटर छोड़ कर जा चुका है। इसके बाद आयुष सेंटर पूरी तरह से बिखर गया।
फूलबाड़ी-1 नंबर ग्राम पंचायत प्रधान तपन सिंह ने बताया कि इस समस्या के स्थायी समाधान व सप्ताह भर चिकित्सा परिसेवा मुहैया कराने के लिए बीएमओएच व इलाके के विधायक तथा राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव से गुहार लगायी गयी है।
आपको बता कि केंद्र सरकार ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एनआरएचएम) चला रही है। इस योजना के तहत सभी ग्राम पंचायत इलाके में होमियोपैथ व एलोपैथ चिकित्सा केंद्र चलाये जा रहे हैं।