हैदराबाद। बवासीर के इलाज का दावा करने वाले तीन फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार किए गए हैं। तेलंगाना राज्य चिकित्सा परिषद ने वारंगल में खुद को आयुर्वेदिक डॉक्टर बताने वाले तीन लोगों को पकड़ा है। ये फर्जी चिकित्सक आटे और नमक से बने घरेलू मलहम का उपयोग करके बवासीर के रोगियों का इलाज करते पाए गए। इसके लिए ये 10 हजार से 20 हजार रुपये तक वसूलते थे। कई रोगियों की स्थिति खराब होने की सूचना मिली थी।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सहयोग से किए गए स्टिंग ऑपरेशन से पता चला कि तीनों संदिग्ध कोलकाता के रहने वाले हैं। ये बिना किसी वैध चिकित्सा डिग्री के अपने काम को अंजाम दे रहे थे।

जानकारी अनुसार आरके बिस्वास नामक एक व्यक्ति जो मारुति क्लिनिक चलाता था, को तब पकड़ा गया जब एक फर्जी मरीज ने मल में खून के लक्षण दिखाए। उससे इलाज के लिए 20 हजार रुपये मांगे गए। बिस्वास ने खम्मम के एक अन्य कथित डॉक्टर को शामिल करने का प्रयास किया और बाद में चिकित्सा के बजाय कला में डिग्री रखने की बात कबूल की। वारंगल में हनुमान मंदिर स्थित एक उपचार केंद्र पर एक अलग छापे में, दो अतिरिक्त फर्जी डॉक्टरों, ए.के. सरकार और एस.के. सरकार की पहचान की गई।

ए.के. सरकार अवैध रूप से अनुपमा क्लिनिक का संचालन करते पाया गया। हालांकि एस.के. सरकार छापे के दौरान मौजूद नहीं मिला। इसके अलावा, कुमारपल्ली में अपूर्वा बिस्वास नामक एक अन्य व्यक्ति को कोलकाता से नकली आयुर्वेदिक डिग्री प्रमाण पत्र के साथ पकड़ा गया। वह अवैज्ञानिक तरीकों से बनाए गए अनधिकृत मलहमों का इस्तेमाल कर रहा था। वारंगल जिला एंटी-क्वैकरी कमेटी ने जिला चिकित्सा अधिकारी और आयुष परिषद दोनों के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज करने की योजना बनाई है।