नई दिल्ली। कैंसर मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। अब सरकार ने 390 कैंसर दवाओं को मूल्य नियंत्रण में लाकर सस्ता कर दिया है। इस फैसले से कैंसर की दवाएं अब 87 फीसदी कम कीमतों में उपलब्ध होंगी।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। दावा किया जा रहा है कि 22 लाख से भी ज्यादा मरीजों को इस फैसले से सालाना करीब 800 करोड़ रुपए की बचत हो सकेगी। बता दें कि सरकार ने बीते फरवरी माह में भी कैंसर की 42 महंगी दवाओं को औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश, 2013 (डीपीसीओ) के तहत लाकर सस्ता किया गया था।
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण (एनपीपीए) ने 390 दवाओं की सूची भी जारी कर दी है। इनमें कई दवाएं ऐसी हैं जो अब करीब 85 फीसदी से भी कम कीमतों में उपलब्ध हो सकेंगी। बाजार में प्रोटिओज ब्रांड की दवा बोर्टेजोमिब के ढाई एमजी इंजेक्शन की कीमत अब तक 18,133 रुपये थी, जिसमें 8 मार्च से करीब 81 फीसदी की कमी आई है। अब ये इंजेक्शन 3415 रुपये में उपलब्ध होगा। मूल्य नियंत्रण के दायरे में आने के बाद इसकी 83.65 फीसदी कीमत में कमी आई है। एनपीपीए के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इस फैसले के बाद करीब 124 ऐसी कंपनियां हैं, जिनकी दवाओं की कीमतों में 75 फीसदी तक की कमी आएगी। वहीं, 121 ब्रांड की दवाएं ऐसी हैं, जिनकी कीमतों में 25 से 50 फीसदी, 107 ब्रांड की दवा कीमतों में 25 फीसदी और 38 ब्रांड की दवाओं की कीमतों में 75 फीसदी से अधिक कटौती हो सकेगी। अधिकारी ने बताया कि सभी दवा निर्माता कंपनियों और अस्पतालों को आदेश जारी हो चुके हैं। साथ ही कंपनियों को बाजार से माल वापस लेकर नई कीमतों वाली दवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं। नियमों का उल्लंघन करने पर सभी राज्यों के औषधि नियंत्रण अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।