नई दिल्ली। नकली लाइफ सेविंग दवा रैकेट के छह आरोपियों को अरेस्ट किया है। पुलिस ने अंतरराज्यीय रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इनमें गैंग का सरगना राजेश मिश्रा भी शामिल है। यह गिरोह देश के कई राज्यों में फैला हुआ था। इसका संचालन मुरादाबाद, देवरिया, गोरखपुर, जींद और सोलन जैसे इलाकों से किया जा रहा था। गिरोह Johnson & Johnson जैसी कंपनियों के नाम पर नकली दवाएं बना और बेच रहा था।

यह है मामला

पुलिस को इनपुट मिला कि नकली दवाओं की बड़ी खेप दिल्ली लाई जा रही है। इस पर सिविल लाइंस स्थित पेट्रोल पंप पर जाल बिछाया गया। यूपी नंबर की वैगनआर कार को रोक लिया। मोहम्मद आलम और मोहम्मद सलीम के पास से भारी मात्रा में नकली टैबलेट्स बरामद हुईं।

Johnson & Johnson के प्रतिनिधियों ने पैकिंग और स्टैंपिंग को नकली बताया। इसकी पुष्टि लैब टेस्ट में भी हुई। यह रैकेट बेहद संगठित और हाई-टेक तरीके से काम कर रहा था। सोशल मीडिया पर संपर्क की शुरुआत होती थी। दवाओं की पैकेजिंग बॉक्स अलग-अलग जगहों से खरीदे जाते थे। हिमाचल प्रदेश से फॉयल और ब्लिस्टर पैकिंग का सामान आता था। नकली दवाएं जींद (हरियाणा) और बड्डी की फैक्ट्रियों में बनाई जाती थीं।

गिरफ्तार आरोपी और उनकी भूमिका

मोहम्मद आलम, मुरादाबाद : दवाओं की सप्लाई का जिम्मेदार, मोहम्मद सलीम, मुरादाबाद : सप्लाई और ट्रांसपोर्ट में मदद करता था। मोहम्मद जुबैर, मुरादाबाद : फेक दवाओं का सप्लायर, चैट और पैमेंट से कनेक्शन साबित। प्रेम शंकर प्रजापति, देवरिया : मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से डिस्ट्रीब्यूशन। राजेश मिश्रा (52), गोरखपुर। परमानंद (50), लक्ष्मी मां फार्मा नाम से नकली दवा Ultracet बनाता था