बद्दी (हिमाचल )। हार्ट अटैक, ब्लड शुगर और कैंसर समेत कुल 67 दवाओं के सैंपल फेल मिले हैं। इनमें अकेले हिमाचल में बनी 23 दवाएं हैं। ये सैंपल केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और स्टेट ड्रग कंट्रोलर ने लिए थे।
दवाओं के सैंपल फेल होने का यह खुलासा सितंबर के ड्रग अलर्ट में हुआ है। दवाएं मानकों पर सही न पाए जाने पर ड्रग कंट्रोलर ने कंपनियों को नोटिस जारी कर दिए हैं। वहीं इन दवाओं को बनाने के लाइसेंस भी कैंसिल कर दिए हैं। कंपनियों को दवाओं का स्टॉक वापस मंगवाने के लिए कहा गया है।
हिमाचल में इन कंपनियों की दवाएं मिली फेल
सिरमौर की पुष्कर फार्मा कंपनी की प्रसव की दवा ऑक्सीटोसिन और बद्दी की मर्टिन एवं ब्राउन कंपनी में बनी हार्ट अटैक की दवा कैल्शियम ग्लूकोनेट, पांवटा साहिब की जी लेबोट्री कंपनी में बनी निमोनिया की सेफ्ट्रिएक्सोन, संक्रमण की जेंटामाइसिन और ब्लड शुगर की दवा जेनरिकार्ट के सैंपल फेल हुए हैं।
झाड़माजरी की इनोवो केपटेप कंपनी की निमेसुलाइड, सेलीब्रेटी बायोटेक कंपनी की सिप्रोविन, मखून माजरा की ऐरिसो फार्मास्युटिकल कंपनी की मोटोसेप के दो सैंपल फेल हुए हैं। कालाअंब के नितिन लाइफ साइंस की प्रोमेथाजिन, क्वालिटी फार्मास्युटिकल कंपनी की कैंसर की दवा इफोस्फामाईड, कालाअंब की डिजिटल विजन कंपनी की बुप्रोन एसआर, बद्दी की सेफोपेराजोन, पाइपेरासिलिन के सैंपल फेल हुए हैं।
साइसरोज रेमडीज कंपनी की विटामिन-बी की न्यूरोपाइन दवा, सोलन स्थित जेएम लैब की ब्लड प्रेशर की दवा टोर्सेमि, बद्दी स्थित क्लस्टा फार्मास्युटिकल कंपनी में मधुमेह की दवा न्यूरोकेम, झाड़माजरी वेडस्प फार्मास्युटिकल की संक्रमण की दवा इंडक्लेव और बद्दी की ट्रिविजन हेल्थ केयर कंपनी का दर्द की दवा स्टे हैप्पी ट्रिपसिन भी फेल पाई गई है।