पठानकोट (पंजाब)। पंजाब सूबे में नशे पर रोक के लिए सिरिंज बैन करने के साइड इफेक्ट सामने आने लगे हैं। मेडिकल स्टोर्स से सिरिंज न मिलने पर ड्रग एडिक्ट युवक अब इस्तेमाल की गई सिरिंजों से ही खुद को इंजेक्ट करने लगे हैं। इसके चलते डेढ़ महीने में इंजेक्शन से नशा करने वाले 4 युवक एचआईवी पॉजीटिव हो गए हैं। जबकि पिछले साल कुल 25 लोग एचआईवी की चपेट में आ चुके हैं। वहीं अढ़ाई साल से 45 ड्रग एडिक्ट एचआईवी पॉजिटिव हो गए हैं। ये सभी अपना इलाज करवा रहे हैं।
सिविल अस्पताल के आंकड़ों से खुद सेहत विभाग भी हैरान है। विभाग के अधिकारी मानते हैं कि आसानी से मेडिकल स्टोर से सिरिंज न मिलने के चक्कर में ड्रग एडिक्ट युवक यूज्ड सिरिंज इस्तेमाल करते होंगे। इस कारण एचआईवी पॉजिटिव की संख्या बढ़ी है। वहीं, अन्य कारणों से एड्स की चपेट में आए जिले के 1300 लोगों का सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है। पंजाब स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के तत्वावधान में चल रही टारगेट इंटरवेंशन (टीआई) विभाग की मानें तो ये आंकड़े उन लोगों के हैं, जिन्हें इस रोग के बारे पता चल गया। लेकिन यह संख्या बहुत कम है। असल में आंकड़े कहीं ज्यादा हैं। इसके दो कारण बताए जा रहे हैं। पहला यह कि समाज में बदनामी के डर से कई लोग दूसरे शहरों में जाकर इलाज कराते हैं, दूसरा यह कि शुरुआती दौर में इस बीमारी का पता नहीं चल पाता। पॉजिटिव होने के बाद बीमारी का पता चलने में 3-4 महीने लगते हैं। अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर लोगों को लास्ट स्टेज में इस बीमारी का पता चलता है, तब तक व्यक्ति एचआईवी के साथ-साथ हेपेटाइटिस-बी और सी के अलावा टीबी की चपेट में आ चुका होता है।