जयपुर। चार बड़ी फार्मा कंपनियों सिप्ला, सन फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज, एरिस्टो फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज और एलकेम लेबोरेट्री की कुछ दवाइयां घटिया पाई गई हैं। राजस्थान दवा नियंत्रक बोर्ड ने अपने ड्रग कंट्रोल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि स्टॉक में मौजूद ये दवाइयां इस्तेमाल न की जाएं और साथ ही बाजार से भी इन दवाओं को हटाया जाए। हालांकि कंपनियों का कहना है कि राजस्थान दवा नियंत्रक बोर्ड द्वारा जो सैंपल टेस्ट किए गए हैं, वो ‘नकली’ हैं। राजस्थान के दवा नियंत्रक बोर्ड ने अपने अधिकारियों को एक बुलेटिन भेजा है, जिसमें 4 बड़ी दवा कंपनियों के कुल 8 ब्रांड को गुणवत्ता के अनुरूप नहीं माना है। इसके अलावा इस लिस्ट में छोटी दवा कंपनियों के 9 अन्य ब्रांड भी शामिल हैं। बोर्ड ने इस बुलेटिन में लिखा है कि कुछ विशेष सैंपल जांच के दौरान गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाए गए हैं।
ऐसे में ड्रग्स एंड कोस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के नियमों के तहत इन दवाओं का स्टॉक इस्तेमाल ना हो, यह सुनिश्चित किया जाए और साथ ही उपभोक्ताओं को इन दवाओं के बदले में कोई उचित दवा मुहैया कराने का प्रबंध किया जाए। बता दें कि राजस्थान दवा नियंत्रक की जांच के दौरान सन फार्मा का मशहूर ब्रांड PANTOCIDE-DSR जिसका बैच नंबर EMS 2060 है- गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाया गया है। इस दवाई का मुख्य इंग्रीडेंट पैंटाप्राजोल जहां दवाई से गायब मिला, वहीं एक अन्य इंग्रीडेंट अपने बताए गए अनुपात से काफी कम मिला। इस पर सन फार्मा कंपनी का कहना है कि जो सैंपल ड्रग अधिकारियों द्वारा जांचे गए हैं, उनका निर्माण सन फार्मा ने नहीं किया है। हमने भी इन सैंपल्स की जांच की है और अपनी जांच में इन्हें नकली पाया है। सन फार्मा की तरह ही एलकेम लेबोरेट्रीज की CLAVAM-625, TAXIM-O 200 और PAN 40 दवाइयां भी जांच के दौरान घटिया पायी गई हैं। राजस्थान दवा नियंत्रक का कहना है कि इन दवाओं में भी कई जरूरी इंग्रीडेंट्स गायब हैं। एलकेम लेबोरेट्रीज का भी कहना है कि इन दवाओं का निर्माण उनके द्वारा नहीं किया गया है और कंपनी ने इन्हें नकली करार दिया है।