नई दिल्ली। डेंगू और चिकनगुनिया के खतरों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने ब्रूफेन और एस्प्रिन की बिक्री पर रोक लगा दी है। मेडिकल स्टोर संचालक केवल डॉक्टरों की पर्ची पर ही ब्रूफेन और एस्प्रिन की दवाइयां दे पाएंगे। डॉक्टरों की सलाह के बिना उन्हें ये दवाइयां देने पर मनाही कर दी गई है। बताया जा रहा है कि डेंगू के मरीजों के लिए इन दोनों दवाइयों को लेना खतरनाक है। इससे डेंगू मरीजों के प्लेटलेट्स में तेजी से कमी होनी शुरू हो जाती है।
दिल्ली में बारिश होने पर कई जगह पानी जमा हो जाता है। इस पानी में मच्छर पनपते हैं। इसलिए अगस्त से अक्टूबर के बीच मच्छर जनित बीमारियां अधिक होती हैं। अभी कुछ सप्ताह से डेंगू के भी कुछ मामले देखे जा रहे हैं। एक मादा मच्छर एक बार में 200 अंडे देती है। इसलिए मच्छरों को मारने से ज्यादा उनका प्रजनन रोकना जरूरी है। इसके लिए आवश्यक है कि कहीं पानी जमा न होने पाए। इसके मद्देनजर दिल्ली के सभी 11 जिलों में स्वास्थ्य विभाग की टीम बनाई गई है। आरडब्ल्यूए (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) को रोकथाम के उपाए बताए गए हैं क्योंकि बीमारियों की रोकथाम में सबकी भागीदारी जरूरी है।
सभी विभागों की निगरानी कमेटी बनाकर एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है। वहीं, अस्पतालों में बुखार की दवा, ओआरएस व डेंगू की जांच के लिए एनएस1 किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई गई है। अस्पतालों में डेंगू पीडि़त मरीजों के लिए मच्छरदानी भी दी गई है, क्योंकि मरीज को काटने के बाद मच्छर किसी और को काटता है तो उसे भी डेंगू हो सकता है। निजी अस्पतालों में भी बुखार के इलाज के लिए 10-20 फीसद बेड बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।