मैनपुरी। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में आए दिन मारपीट की वारदातों से फार्मासिस्ट दहशत में हैं। फार्मासिस्टों ने हड़ताल पर जाने की योजना बनाई है। फार्मासिस्टों ने सीएमएस को पत्र देकर अलग से पंजीकरण कक्ष बनाने का प्रस्ताव भेजा है। फार्मासिस्ट शिवमंगल सिंह चौहान ने कहा कि फार्मासिस्टों का कार्य मरीजों का उपचार करना नहीं बल्कि पंजीकरण करना व अन्य अभिलेख तैयार करना होता है। डॉक्टरों के साथ झगड़ा होने पर वे उन्हें भी शामिल मानकर उनके साथ अभद्रता करते हैं। उनकी मांग है कि फार्मासिस्टों के लिए अलग से पंजीकरण कक्ष बनाया जाए। फार्मासिस्ट जितेंद्र सिंह का कहना है कि फार्मासिस्टों का कार्य केवल फाइल तैयार करना है। वे आए दिन हो रही अभद्रता को अब बर्दाश्त नहीं कर सकते। वहीं, चीफ फार्मासिस्ट ऋषि प्रकाश ने कहा कि वे सीनियर हैं। इस उम्र में उनके साथ कोई आकर अभद्रता करे, यह अच्छी बात नहीं है। इसलिए उन लोगों ने निर्णय लिया है कि अब वे लोग अलग से पंजीकरण कक्ष की स्थापना कराएंगे।
यदि पंजीकरण कक्ष की स्थापना नहीं होती है तो वे लोग कार्य बहिष्कार करने को भी मजबूर होंगे। सीएमएस डा. आरके सागर ने बताया कि इस बारे में जानकारी मिली है लेकिन अभी तक कोई लिखित पत्र नहीं आया है। जनपद लौटने पर फार्मासिस्टों से बात की जाएगी। उनके हितों का हर संभव ख्याल रखा जाएगा।गौरतलब है कि पूर्व में जिला अस्पताल में शव के लिए शव वाहन नहीं मिला तो फार्मासिस्ट एचएन सिंह को कार्रवाई का शिकार बनाया गया। एक अन्य घटना में फार्मासिस्ट शिवदत्त के साथ अभद्रता हुई और हाल ही में फार्माशिष्ट शिवमंगल सिंह के साथ भी अज्ञात लोग आकर अभद्रता कर गए। फार्मासिस्टों का कहना है कि नए डॉक्टर भौतिक रूप से अस्पताल में उपचार के लिए खरे नहीं उतर पा रहे हैं। यदि कोई सीनियर फार्मासिस्ट उन्हें सलाह देने का प्रयास करता है तो उन्हें बुरा लगता है। इसी बीच हालत यह बन जाते हैं कि तीमारदार के साथ तालमेल नहीं बैठ पाता है और मामला मारपीट तक पहुंच जाता है।