सतना। ड्रग लाइसेंस सस्पेंड होने पर एक डॉक्टर ने फार्मासिस्ट को जान से मारने की धमकी दी है। एक फार्मासिस्ट संगठन को डॉ. राकेश जैन द्वारा फर्जी तरीके से ड्रग लाइसेंस बनाने की जानकारी मिली। पता चला कि डॉ. राकेश जैन ने ड्रग ऑफिस के कर्मियों के साथ मिलीभगत कर दिलीप कुमार पांडेय नाम के एक फार्मासिस्ट के कागजात चुरा लिए और जैन मेडिकल स्टोर के नाम पर ड्रग लाइसेंस बनवा लिया। ऐसे में जब मध्य प्रदेश महाकौशल फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इसकी शिकायत ड्रग इंस्पेक्टर से की तो आनन-फानन में ड्रग इंस्पेक्टर ने जैन मेडिकल पर जाकर जांच की और लाइसेंस ससपेंड कर दिया। अपनी दुकान बंद होते देख डॉ. राकेश ने दो दिन के अंदर मनीष कुमार परमार नामक एक फार्मासिस्ट का सर्टिफिकेट रेंट पर लेकर दुबारा ड्रग लाइसेंस बहाल करने के लिए आवेदन किया।
सूत्रों के मुताबिक डॉ. जैन का लाइसेंस तो बहाल हो गया, परन्तु फार्मासिस्ट संघ ने रेंट पर नियुक्त किये गए फार्मासिस्ट मनीष परमार पर ऑब्जेक्शन कर दिया। ऐसे में तिलमिलाए डॉ. राकेश जैन ने संगठन के पदाधिकारियों को जान से मारने की धमकी देने लगे। संगठन इसकी शिकायत पुलिस के करने की बात कही है। उधर, खबर लिखे जाने तक फार्मासिस्ट मनीष कुमार ने मेडिकल से इस्तीफा दे दिया है। ड्रग इंस्पेक्टर राधेश्याम भट्टी ने बताया कि जांच के दौरान डॉ. जैन ने सहयोग नहीं किया। पहले वे कोई कागजात नहीं दिखा रहे थे। मेडिकल स्टोर को सील कर दिया है। जब पता चला कि डॉक्टर ने दुबारा से किराए पर फार्मासिस्ट के कागजात लगाए हैं तो फार्मासिस्ट को बुलाया गया, जहां फार्मासिस्ट ने माफी मांगते हुए इस्तीफा दे दिया। जैन मेडिकल स्टोर के संचालक को नोटिस भेजा गया है।