रेवाड़ी। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत फार्मासिस्टों ने सरकार से उन्हें राजपत्रित अधिकारी का दर्जा देने के साथ केंद्र सरकार की तर्ज पर उनका पदनाम बदलने की मांग की है। इस संबंध में एसोसिएशन गवर्नमेंट फार्मासिस्ट ऑफ हरियाणा के राज्य प्रधान विनोद दलाल की अध्यक्षता में रेवाड़ी में बैठक हुई। इसमें प्रदेशभर से स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत करीब डेढ़ सौ से अधिक फार्मासिस्टों ने हिस्सा लिया। राज्य प्रधान विनोद दलाल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में सबसे ज्यादा जिम्मेदारी फॉर्मासिस्टों की होती है। इसके बावजूद उन्हें राजपत्रित अधिकारी का दर्जा नहीं मिल रहा है।
तीन वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल द्वारा मुख्य फार्मासिस्ट के पद को राजपत्रित किए जाने की घोषणा को अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। उन्होंने कहा कि जहां एक फार्मासिस्ट को बारह प्रकार के कार्यों की जिम्मेदारी लिखित में दी हुई है, वहीं चिकित्सक की अनुपस्थिति में स्वास्थ्य केंद्रों में इंचार्ज की भूमिका भी निभानी पड़ती है। रेवाड़ी के महेंद्र ङ्क्षसह ने कहा कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो आंदोलन करेंगे।
उन्होंने चीफ फार्मासिस्ट को राजपत्रित का दर्जा दिया जाने, वेतन में संशोधन कर 46 सौ रुपये ग्रेड पे दिया जाए, पदोन्नति चैनल बनाया जाए, डिप्टी डायरेक्टर का पद भरा जाए, फूड व ड्रग विभाग में ड्रग इंस्पेक्टर का पद सरकारी फार्मासिस्ट के पदोन्नत चैनल से भरा जाए, फार्मासिस्ट के पद के लिए अनिवार्य शिक्षा बी फार्मेसी किया जाए, जोखिम भत्ता दिए जाने, प्रदेशभर में मौजूदा पद 1970 कम होने के कारण नए पद सृजित करने आदि मांगें रखी। एसोसिएशन के प्रेस सचिव अनिल शर्मा ने बताया कि बैठक में राज्य सचिव बलबीर श्योराण ने जहां संगठन की रिपोर्ट प्रस्तुत की, वहीं कोषाध्यक्ष योगेश्वर शर्मा ने एसोसिएशन का आर्थिक रिपोर्ट पेश की। सयुंक्त सचिव अरुण कुमार ने आगामी रणनीति पर प्रकाश डाला।