आगरा। नकली दवा और दवाओं के अवैध धंधे पर रोक लगाने के लिए औषधि विभाग ने खास कदम उठाया है।अब थोक दवा बाजार में बिल से दवाओं की बिक्री न करने वाले कारोबारियों का लाइसेंस सस्पेंड किया जाएगा। इनकी दवाओं के सैंपल भी लिए जाएंगे। सैंपल फेल होने पर संबंधित दवा कारोबारी जिम्मेदार होगा। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि आगरा शहर में प्रसिद्ध बाजार फव्वारा दवा मंडी से रोजाना करीब 30 करोड़ की दवाओं की बिक्री होती है। आगरा के अलावा मैनपुरी, मथुरा, फीरोजाबाद, एटा, कासगंज समेत आसपास के जिलों से भी लोग यहां दवाएं खरीदने आते हैं। पता चला है कि इसमें से 25 फीसद दवाओं की बिक्री बिना बिल के हो रही है। ये दवाएं नकली हो सकती हैं। वहीं, प्रतिबंधित नारकोटिक्स की दवाओं की अधिक रेट में बिना बिल के बिक्री की जा रही है। इस तरह के मामले पंजाब, राजस्थान और हरियाणा की टीम पकड़ चुकी है। सहायक औषधि आयुक्त शिवशरण सिंह ने बताया कि दवाओं की बिक्री बिना बिल के नहीं की जा सकती है। नारकोटिक्स के अवैध कारोबार के मामले सामने आने के बाद थोक दवा बाजार में औषधि निरीक्षकों को जांच के लिए लगाया गया है। बिना बिल के दवाओं की बिक्री करने वाले कारोबारियों को नोटिस देने के बाद लाइसेंस सस्पेंड किया जाएगा। इन दवाओं के सैंपल भी लिए जाएंगे। अगर ये जांच में फेल होते हैं तो निर्माता कंपनी की जगह विक्रेता कारोबारी पर ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। औधषि अधिकारी का कहना है कि मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदते समय बिल जरूर लें। इससे नकली दवा की आशंका नहीं रहती है। वहीं, दवाएं भी एमआरपी से कम रेट पर मिल जाती हैं।