उदयपुर। एमबी अस्पताल में दो महीने अनुपस्थित रहने और इस दौरान हेल्पर से दवाएं बंटवाने वाले फार्मासिस्ट विकास फेनिन को एपीओ करने के महज तीन बाद फिर से एमबी अस्पताल में लगाने के आदेश जारी किए गए हैं। हालांकि फार्मासिस्ट विकास ने अभी तक अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है। आदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) राकेश शर्मा ने दिए हैं। अतिरिक्त निदेशक शर्मा का कहना है कि इस फार्मासिस्ट ने कार्य के प्रति घोर लापरवाही बरती है। इसे एपीओ के बाद दूसरी जगह लगाएंगे, वहां भी यही लापरवाही करेगा। ऐसे में एमबी अस्पताल प्रशासन से ही मामले की जांच कराकर रिपोर्ट मांगी ताकि निदेशालय सख्त कार्रवाई कर सके। इधर, एमबी अस्पताल अधीक्षक डॉ. लाखन पोसवाल ने बताया कि मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। जो सीसीटीवी फुटेज भी खंगालेगी। गौरतलब है कि अधीक्षक डॉ. पोसवाल के गत दो जनवरी को निरीक्षण में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के कार्डियोलॉजी में संचालित काउंटर-7 पर फार्मासिस्ट विकास की जगह हेल्पर मदन मरीजों को दवाएं देता मिला। उसने अधीक्षक को लिखित में बताया कि फार्मासिस्ट उससे पिछले दो माह से रोज दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक जबरन दवाएं बंटवाता है। अधीक्षक ने गड़बड़ी पकड़ते ही पूर्व फार्मासिस्ट नोडल ऑफिसर डॉ. एमपी जैन को उसी दिन हटाकर न्यूरोसर्जन डॉ. गौरव जायसवाल को नोडल ऑफिसर बनाया था। ड्यूटी में लापरवाही पर फार्मासिस्ट विकास के विरुद्ध कार्रवाई के लिए आरएनटी कॉलेज के प्रिंसिपल एंड कंट्रोलर डॉ. डीपी सिंह को पत्र लिखा था। उन्होंने कार्रवाई के निर्देश दिए थे। अब फार्मासिस्टों ने अपनी बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराना शुरू कर दी है।