फार्मेसी डिप्लोमा के लिए बनेगा नया कानून, दवाओं की गुुणवत्ता के लिए होगा वैज्ञानिक शोध
नई दिल्ली। आयुर्वेदिक दवाओं की गुणवत्ता कायम रखने के लिए सरकार नया कानून लाएगी। अब एलोपैथिक दवा की तर्ज पर ही फार्मेसी या उसके समकक्ष डिप्लोमा लेना होगा। इसके बाद आयुर्वेदिक दवाएं परचून की दुकानों पर नहीं बेची जा सकेंगी। इसकी जानकारी आयुष मंत्री श्रीपद यसो नाईक ने संसद में दी। हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने आयुर्वेदिक दवाओं के गुणवत्ता नियंत्रण का मुद्दा उठाया था। उन्होंने आयुुष मंत्री से पूछा कि एलोपैथिक दवाओं की बिक्री के लिए फार्मेसी डिप्लोमा की तर्ज पर आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री के लिए भी इस तरह का लाइसेंस क्यों नहीं हो सकता। उन्होंने परचून की दुकानों पर आयुर्वेदिक दवाएं बेचने पर प्रतिबंध लगाने और उत्तराखंड में आयुर्वेद का अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान खोलने की मांग भी उठाई। आयुष मंत्री ने स्वीकार किया कि 69 दवाओं को गुणवत्ता की कमी के चलते प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने बताया कि दवाओं की गुुणवत्ता के लिए उनका वैज्ञानिक शोध कराया जाएगा।