सिद्धार्थ नगर (उप्र)। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की भारी अनदेखी का मामला सामने आया है। विभाग ने सात दवा दुकानदारों को नियमानुसार शुल्क जमा नहीं करवाने के बावजूद लाइसेंस जारी कर दिए। जब यह मामला लोकायुक्त में पहुंचा तो विभाग ने सभी सातों दुकानों के लाइसेंस को निलंबित कर दिया है। गौरतलब है कि क्षेत्र में ज्यादातर दुकानें बिना लाइसेंस के संचालित की जा रही हैं। जिम्मेदार अधिकारी बेपरवाह बने हुए हैं। इंद्रानगर के आशीष कुमार कश्यप ने इस मामले को लोकायुक्त से लेकर पीएम कार्यालय तक पहुंचा दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही मामले की जांच शुरू हो जाएगी। खाद्य दुकानों को लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है। लेकर पूरे जिले में बिना लाइसेंस के दुकानों की भरमार है। कई ऐसी दुकानों को लाइसेंस जारी कर दिया गया, जिन्होंने ऑनलाइन आवेदन किया, शुल्क जमा करने की कोशिश की, लेकिन ट्रांसजेक्शन ही फेल हो गया। फेल ट्रांजेक्शन की रसीद लगाकर दुकानदार ने लाइसेंस जारी कर दिया। जबकि विभागीय खाते में पैसा जमा नहीं हुआ। इस तरह के एक केस में शोहरतगढ़ तहसील स्थित फर्म आर्या किराना स्टोर को विभाग ने लाइसेंस जारी किया है। उक्त लाइसेंस के लिए जारी शुल्क बैंक के माध्यम से जमा करने की कोशिश की गई। ट्रांजेक्शन फेल हो गया। फेल रसीद को दस्तावेज में लगा दिया। विभाग ने इसी रसीद पर उक्त दुकानदार को लाइसेंस जारी कर दिया गया। ऐसे ही दूसरा केस मिला है। इसमें डुमरियागंज तहसील स्थित फर्म फाइव स्टार बेकर्स के नाम पर विभाग ने लाइसेंस लिया। लाइसेंस शुल्क की रसीद लिए बिना ही लाइसेंस निर्गत कर दिया गया। जबकि नियमत: शुल्क जमा होने के बाद ही लाइसेंस जारी किया जाता है। इस संबंध में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के जिला अभिहित अधिकारी गिरजेश दूबे ने बताया कि बिना शुल्क जमा किए सात दुकानों का लाइसेंस जारी हो गया था। जांच के दौरान मामला पकड़ में आया तो लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। सुविधा शुल्क की शिकायत निराधार है। लाइसेंस आनलाइन होता है। कई दफा साइबर कैफे की गलती का खामियाजा विभाग को भुगतना पड़ता है।