नई दिल्ली। हिंदूराव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने दो माह का बकाया वेतन मिलने पर हड़ताल वापस ले ली है। बता दें कि डॉक्टर्स 16 मई से हड़ताल पर थे। पहले उन्होंने तीन-तीन घंटे का पेनडाउन स्ट्राइक किया था। लेकिन, इसके बाद भी उनकी मांगें नहीं माने जाने पर सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। इससे अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई थी। मरीजों को न तो दवाइयां मिल रही थी और न ही उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जा रहा था। हिंदूराव अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रेजिडेंट डॉक्टर राहुल चौधरी व जनरल सेक्रेटरी डॉक्टर संजीव चौधरी ने बताया कि डॉक्टरों का तीन महीने का वेतन बकाया था। वे कई बार बकाया वेतन दिलाने की मांग अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट से कर चुके थे, लेकिन हर बार उनकी मांगों को दरकिनार कर दिया जा रहा था। इसके बाद डॉक्टरों ने एडिशनल कमिश्नर (हेल्थ) से बात की। लेकिन उनका भी रवैया भी डॉक्टरों के प्रति ठीक नहीं रहा। एडिशनल कमिश्नर डॉक्टरों की समस्याओं को हल करने के बजाय उन्हें वापस काम पर न लौटने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी देने लगे। इससे परेशान डॉक्टरों का गुस्सा और भडक़ गया और वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। जब तक वेतन नहीं मिलता, तब तक वे हड़ताल खत्म करने को राजी नहीं थे। इसके बाद सभी रेजिडेंट डॉक्टरों के खाते में मार्च और अप्रैल की सैलरी आई। सैलरी मिलते ही डॉक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली। उसी समय से डॉक्टर्स काम पर भी लौट गए। डॉक्टरों का कहना है कि तीसरे महीने की सैलरी अगले कुछ दिनों में भेजने का भरोसा एमसीडी अफसरों ने दिया है।