चंडीगढ़। पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों से मारपीट के विरोध में हरियाणा प्रदेश में भी डॉक्टरों ने दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल की और घटना पर रोष प्रकट किया। सोमवार से डॉक्टर 24 घंटे की हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल को आगे बढ़ाने का निर्णय इसके बाद ही लिया जाएगा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हरियाणा के सचिव डॉ. सुनील मुंजाल ने बताया कि सोमवार को 24 घंटे की हड़ताल पर जाने का फैसला लिया गया है। उनकी मांग है कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों से मारपीट के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही सरकार मजबूत सेंट्रल एक्ट बनाए, जिसमें डॉक्टरों पर हमला और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को कम से कम पांच साल की सजा और अधिक से अधिक जुर्माने का प्रावधान हो।
बता दें कि बीते शुक्रवार को पीजीआई चंडीगढ़ के रेजिडेंट डॉक्टरों की चार घंटे की हड़ताल से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। करीब छह हजार मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ा, जबकि 65 मरीजों की सर्जरी टाल दी गई। हड़ताल के चलते ओपीडी का रजिस्ट्रेशन काउंटर सिर्फ एक घंटे के लिए खुला था। इस दौरान 4804 मरीजों का ही रजिस्ट्रेशन हो सका, जबकि आम दिनों में कम से कम दस हजार मरीज रजिस्टर्ड होते हैं।
हालांकि, चार घंटे की हड़ताल के बाद डॉक्टर काम पर लौट आए थे। इससे पहले डॉक्टरों ने भार्गव ऑडिटोरियम से पीजीआई की न्यू ओपीडी तक मार्च निकाला। प्रदर्शन के दौरान कई डॉक्टरों ने सांकेतिक रूप में अपने माथे पर चोट की पट्टी बांध रखी थी। हाथ में बैनर उठा रखे थे। पीजीआई के डॉक्टरों का कहना है कि पश्चिम बंगाल में जो जूनियर डॉक्टरों के साथ हुआ है, वह निंदनीय है। पीजीआई में भी आए दिन जूनियर डॉक्टरों को मरीज के अटेंडेंट के साथ जूझना पड़ता है। रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रेसिडेंट उत्तम ठाकुर ने बताया कि यदि डॉक्टरों को इमरजेंसी में काम के दौरान बेहतर माहौल नहीं मिला तो वे कड़े कदम उठाने में संकोच नहीं करेंगे। एसोसिएशन से जुड़े एक अन्य डॉक्टर ने कहा कि जूनियर डॉक्टर कई वर्षों से अत्याचार झेल रहे हैं। इसे रोकने की जरूरत है। यह कोई राजनीतिक या सांप्रदायिक मामला नहीं है। इसका स्थायी समाधान निकलना चाहिए।