लखनऊ। सुंदरता बढ़ाने में सहायक कॉस्मेटिक प्रोडक्ट (सौंदर्य प्रसाधन) बेचने वालों पर अब खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की कड़ी नजर रहेगी। अब इन कॉस्मेटिक उत्पादों में हानिकारक रसायनों के मिलावट की जांच होगी। इनके सैंपल लेकर लैब में जांच की जाएगी और मिलावट करने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की अपर मुख्य सचिव अनीता भटनागर जैन के अनुसार कॉस्मेटिक उत्पादों में हानिकारक रसायनों की मिलावट पर रोकथाम के लिए यह कदम उठाया गया है। अभी तक सिर्फ खाद्य पदार्थों और दवाओं के सैंपल ही प्रयोगशाला में जांच के लिए आते हैं लेकिन अब कॉस्मेटिक उत्पादों के नमूने भी जांचे जाएंगे। बताया गया कि ब्रांडेड कंपनियों के मिलते-जुलते नाम से बाजार में बहुत सस्ते दाम पर कॉस्मेटिक उत्पाद बिक रहे हैं। व्यापारी ज्यादा मुनाफा कमाने और आम लोग सस्ता सामान खरीदने के चक्कर में धोखा खा जाते हैं। अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कॉस्मेटिक उत्पादों में कई रसायनों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया है। भारत में कॉस्मेटिक उत्पादों में हानिकारक रसायनों के मिलावट पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पा रहा। सस्ते के चक्कर में लोग नेल पालिश, लिपिस्टिक व फेशियल क्रीम खरीद तो लेते हैं लेकिन बाद में इसका खामियाजा भी भुगतते हैं। बलरामपुर अस्पताल के स्किन (त्वचा) रोग विशेषज्ञ डॉ. एमएच उस्मानी कहते हैं कि ब्राइडल मेकअप का चलन शादी में बहुत बढ़ा है, मगर इसमें सावधानी बरतें। मिलावटी कॉस्मेटिक से चेहरा खराब हो जाता है। इरीटेंट डर्मेटाइटिस (त्वचा रोग) में चेहरे पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। दवा करने पर यह लाल चकत्ते तो सही हो जाते हैं लेकिन चेहरा काला हो जाता है। ऐसे में तमाम मरीज ओपीडी में आते हैं। फिलहाल इनका प्रयोग सावधानी से करना चाहिए। क्योंकि इससे एलर्जी व अन्य त्वचा रोग के साथ-साथ कैंसर तक होने का खतरा होता है।