देहरादून (उत्तराखंड )। बहुचर्चित एनआरएचएम के 600 करोड़ रुपये के दवा घोटाला की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुरू कर दी है। सीबीआई देहरादून के प्रमुख ने सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तराखंड से तत्कालीन ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. आशा माथुुर सहित सात अधिकारियों की वर्तमान में तैनाती व स्टेट्स की जानकारी मांगी है। गौरतलब है कि दवा घोटाला रुडक़ी, हरिद्वार से 2011 में उजागर हुआ था। महिलाओं और बच्चों को बांटी जाने वाली दवाई को एक्सपायर कर नाले में फेंक दिया गया था। उस समय डॉ. आशा माथुुर राजकीय चिकित्सालय रुडक़ी की सीएमएस थीं। प्रधानमंत्री के अधीन कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (डीओपीटी) के अवर सचिव एसपीआर त्रिपाठी ने 18 जुलाई को सीबीआई जांच का नोटिफिकेशन जारी किया था। एनआरएचएम में दवा घोटाले की सीबीआई से जांच कराने का आदेश 2014 में तत्कालीन राज्य सूचना आयुक्त अनिल शर्मा ने दिया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी संस्तुति कर दी थी। इसके बावजूद राज्य सरकार का एक अधिकारी फाइल को इधर-उधर भटकाता रहा। अब इस मामले की नए सिरे से पैरवी की गई तो सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है।