नई दिल्ली: केंद्र सरकार के अधीन आने वाले महाराष्ट्र के अंधेरी (मुंबई) स्थित ईएसआईसी मॉडल हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टाफ और प्रबंधन आमने-सामने हो गए और इस टकराव की गूंज राजधानी दिल्ली स्थित हैडक्वार्टर बैठे अफसरों के कानों तक पहुंच गई है। ईएसआईसी नर्सेज एसोसिएशन (महाराष्ट्र रीजन) के बैनर तले पिछले तीन दिन से हड़ताल पर बैठे नर्सिंग स्टॉफ का आरोप है कि प्रबंधन तबादला नीति में मनमानी कर रहा है, जो नियमों के विरुद्ध है। इस बाबत जब प्रबंधन को कहा गया तो उन्होंने संतोषजनक जवाब देने के बजाय अडियल लहजे में कहा कि उन्हें कायदे-कानून पता है, अपने ढंग से तबादला करेंगे।
      वहीं एमएस डॉ. राजीव गुरुमुखी ने कहा कि नर्सेज यूनियन के उपाध्यक्ष कैलाश दायल का मुंबई से औरंगाबाद डिस्पेंसरी तबादला किया है और यह दिल्ली हैडक्वार्टर द्वारा तय की नीतियों के मुताबिक हुआ है। एसोसिएशन तिल का ताड़ बनाकर हड़ताल कर रही है, जिससे इलाज प्रभावित हो रहा है। पता चला है कि अस्पताल में एक मरीज की मौत भी हो गई। डॉ. गुरुमुखी ने कहा कि एसोसिएशन को यहां तक कहा गया कि वह तबादले में अवधि कम करने पर विचार करेंगे, बावजूद इसके एसोसिएशन इस बात पर अड़ी है कि तबादला कैंसिल किया जाए, जबकि प्रबंधन ने नीतिगत तरीके से जनहित को ध्यान में रखते हुए तबादला किया है।
Medicare Tulsi
      एसोसिएशन के महासचिव जोधराज बैरवा ने कहा कि वह नर्सिंग स्टॉफ के तबादले का विरोध नहीं कर रहे लेकिन जिस ढंग से प्रबंधन नियमों को ताक पर रखकर तबादले कर रहा है, उसका विरोध कर रहे हैं। जोधराज के मुताबिक, जूनियर स्तर से ट्रांसफर किया जाता है लेकिन प्रबंधन ने ट्रेड यूनियन अधिकारियों को प्रभावहीन करने की नीयत से एसोसिएशन पदाधिकारी और सीनियर नर्सिंग स्टाफ का जानबूझ कर तबादला किया रही  है।
मेडीकेयर न्यूज ने हकीकत जानने के लिए दिल्ली हैडक्वार्टर बैठने वाले निदेशक चिकित्सा प्रबंधन एमके शर्मा से बात करनी चाही, लेकिन उनके सहयोगी ने लंबी बैठक का हवाला देकर किनारा कर लिया। वैसे एसोसिएशन का दिल्ली स्थित प्रतिनिधिमंडल इस मामले को लेकर निदेशक से मिला है। निदेशक ने पहले तो प्रतिनिधिमंडल के सामनेे इस मामले की जानकारी होने से इनकार किया लेकिन प्रतिनिधियों ने जब अवगत कराया तो वह बोले कि कोई भी अधिकारी तबादला नीति में मनमानी नहीं कर सकता, कुछ गलत हुआ तो वह कड़ा संज्ञान लेंगे। उधर, आज हड़ताल तीसरे दिन में प्रवेश कर गई, जिस कारण अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होने लगी। हालांकि प्रबंधन स्थिति से निपटने की बात कह रहा है। पता चला है कि बात शीघ्र नहीं बनी तो आंदोलन बड़ा हो सकता है, क्योंकि दूसरे नर्स संगठनों ने भी ईएसआईसी नर्सेज एसोसिएशन से संपर्क कर समर्थन की बात कही है। कौन गलत, कौन सही यह जांच का विषय हो सकता है, लेकिन आपसी खींचतान में मरीज का दर्द बढ़ रहा है। चूंकि मुंबई इंडस्ट्रियल हब है। यहां मजदूर और उनके परिवारों के इलाज का एकमात्र बड़ा सहारा यही मॉडल अस्पताल है, इस कारण हड़ताल शीघ्र खत्म नहीं हुई तो मामला राजनीतिक मुद्दा बनते देर नहीं लगेगी।