सोलन (हप्र)। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने दिसंबर माह का ड्रग अलर्ट जारी किया है। बीते माह पूरे देश में हिमाचल की सर्वाधिक दवाएं खराब पाई गई हैं। देशभर की 47 दवाओं में मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। इनमें से 15 दवाएं हिमाचल के अलग अलग जिलों में निर्मित हुई हैं। इसके अलावा पंजाब, तेलंगाना, उत्तराखंड में निर्मित दवाएं भी काफी संख्या में शामिल हैं। इनमें अधिकतर बीपी, सर्जरी व पेट की बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के सैंपल हैं। सीडीएससीओ ने संबंधित राज्यों के दवा नियंत्रकों को खराब दवाओं के बैच को वापस मंगवाने का निर्देश दिया है। संगठन की अलग-अलग टीमों ने दिसंबर माह में कुल 1336 सैंपल भरे थे, इनमें से 1286 ठीक पाए गए हैं। एक सैंपल नकली दवा का भी सामने आया है। हिमाचल के नालागढ़ स्थित थियोन फार्मास्यूटिकल में निर्मित अमोक्सिलिन एंड पोटासियम क्लेवुलानेट दवा का बैच नंबर बीटी 180322, जिला सिरमौर के सनवेट हेल्थकेयर में निर्मित डेबरूट 110 एमजी कैप्सूल बैच नंबर एससी-3115, ऊना जिला के गगरेट स्थित एचएल हेल्थकेयर में निर्मित दवा अजीथ्रोमाइसिन टेबलेट का बैच नंबर एनटी-18899, सोलन के बद्दी स्थित टोरेंट फार्मास्यूटिकल में निर्मित लोरवास एसआर का बैच नंबर सीएक्स23एफ011, सोलन के बद्दी स्थित अमस्टेर लैब में निर्मित फॉलिक ऐसिड, केलसियम के कैप्सूल बैच नंबर एएलडी9075ए, जिला सोलन के बद्दी स्थित सेलस फार्मास्यूटिकल में निर्मित मैडरोफिक्स 180 का बैच नंबर एसपीटी190012ए, जिला सिरमौर स्थित ग्रेम्फस लैबोरेट्री की दवा नियोमसिन सल्फेट पाउडर का बैच नंबर जीएलइपी-181020, जिला सोलन के भटोलीकलां स्थित मोंटेक बायोफार्मा में निर्मित लेक्टूलोज ओरल सोडियम का बैच नंबर ए-11366, कांगडा स्थित टैरेस फार्मास्यूटिकल में निर्मित इसोसोरबिड मोनोनिट्रेट दवा का बैच नंबर एसटीएन-181818, कांगड़ा के सिवरोन फार्मास्यूटिकल में निर्मित दवा निट्रोमैड सीआर दवा का बैच नंबर सीआरटी-190409, कांगडा के सिवरोन फार्मास्यूटिकल में निर्मित निट्रोमेड का बैच नंबर सीआरटी-190618, सोलन के बद्दी स्थित निकविन हेल्थकेयर में निर्मित एमिटम 500 का बैच नंबर सी903701टी, सिरमौर के डिजिटल विजन में निर्मित रेब्ज 20 का बैच नंबर डीवीटीई 679बी, सिरमौर के पावंटा साहिब स्थित जी लैबोरेट्री में निर्मित लीवोसिट्राजिन का बैच नंबर 419-11बी का दवा सैंपल फेल पाया गया है। साथ ही गुजरात, पंजाब, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, गोवा सहित कई राज्यों में निर्मित दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं।
डिप्टी दवा नियंत्रक मनीष कपूर के अनुसार कुछ दवा निर्माताओं ने खराब पाई गई दवाओं के लाइसेंस स्वयं सरेंडर कर दिए हैं। ये वो दवा निर्माता हैं जिनकी दवाओं के सैंपल बार-बार फेल हो रहे थे। अन्य कंपनियों को नोटिस जारी किया है।