अम्बाला, बृजेंद्र मल्होत्रा। पंजाब केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों की व्यापारिक समस्याओं को लेकर 2 वर्षों से औषधि प्रशासन व सेहत मंत्रियों से सदस्यों के व्यापारिक उत्थान के लिए सर्वमान्य हल निकाले जाने को लेकर मार्च 2019 में तत्कालीन सेहत मंत्री ब्रह्म महेंद्र को गुहार लगाई। सूत्र बताते हैं कि सेहत मंत्री ब्रह्म महेंद्र ने नए नियमों को रद्द करने का आदेश अपने सरकारी सचिव को दिया। इसी बीच मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद नए सेहत मंत्री बीएस संधू के साथ दवा व्यापारियों की समस्याओं के हल के लिए कई बार बैठकें भी हुई। नवम्बर 2019 को सेहत मन्त्री संधू कमिश्नर एफडीए तथा औषधि प्रशासन पंजाब के साथ एक बैठक सेक्टर 34 चंडीगढ़ कार्यालय में हुई, जिसके बाद सेहत मंत्री संधू ने मेडिकेयर न्यूज को बताया था कि शीघ्र दवा व्यवसाइयों के व्यापारिक उत्थान हेतु मार्ग प्रशस्त कर देंगे। प्रदीप मट्टू औषधि नियंत्रक पंजाब ने भी बताया था कि जनवरी 2020 के प्रथम सप्ताह में ड्रग्स एडवाइजरी बैठक होगी, जिसमें मुद्दा पास होने पर दवा व्यवसाइयों को राहत मिल सकेगी। अब जनवरी 2020 के अंत होने पर भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
पीसीए के प्रदेशाध्यक्ष सुरेन्द्र दुग्गल ने फिर से राज्य औषधि नियंत्रक, राज्य के सेहत मंत्री को पत्र लिख नवम्बर 2019 की बैठक का हवाला देते हुए सदस्यों की व्यापारिक समस्या के समाधान की ओर ध्यान दिलाया है। आलम यह है कि सैकड़ों दवा विक्रेता चेंज ऑफ प्रिसिज, चेंज इन कॉन्स्टिट्यूशन, कई फार्मासिस्ट अपनी दुकान खोलने हेतु विभाग की और टकटकी लगाए बैठे हैं हल नहीं निकल पा रहा। ऐसे में फार्मासिस्ट दुकान न खोल पाने की वजह से बेरोजगार होने के चलते पथभ्रष्ट हो अनैतिक कार्यों की तरफ अपनी रुचि दिखा सकते हैं जिससे राज्य का माहौल दवा क्षेत्र में ठीक होने के स्थान पर गिरता जाएगा जिसे समय से सम्भालना वक्त की मांग भी है।