करॉना वायरस को लेकर दुनियाभर में डर बढ़ रहा है। अब इस डर की जद में वे लोग भी हैं, जो नॉनवेज और सी-फूड्स नहीं खाते हैं। इसकी वजह है कि चाइना के हेल्थ एक्सपर्ट्स द्वारा यह स्वीकार किया जाना कि करॉना वायरस ह्यूमन टु ह्यूमन भी ट्रांसफर होता है। जैसे-जैस इस वायरस के केस दुनिया के अलग-अलग देशों और शहरों से सामने आ रहे हैं, लोगों के बीच इसे लेकर डर बढ़ने लगा है। यही वजह है कि लोग पब्लिक प्लेस पर जाने में डरने लगे हैं और अगर जा भी रहे हैं तो मास्क पहनना बेहतर समझ रहे हैं।
लेकिन जबसे कनाडा में करॉना वायरस का एक पेशंट और एक संदिग्ध व्यक्ति मिला है। तबसे वहां लोग बाहर निकलने से पहले सर्जिकल मास्क पहनने लगे हैं। यही ट्रेंड हमारे देश में भी देखने को मिल रहा है। पब्लिक प्लेस और मेट्रोज में बहुत से लोग आपको मास्क पहने दिख जाएंगे। इनमें से कुछ लोगों के पास सर्जिकल मास्क होता है तो कुछ प्लेन मास्क पहने हुए दिख जाते हैं। जैसे-जैसे लोगों के बीच अपनी सेफ्टी को लेकर मास्क के प्रति रुझान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे यह भी इश्यू उठने लगा है कि क्या मास्क वाकई करॉना वायरस से बचने के लिए कारगर उपाय हैं? इस बारे में एक्सपर्ट्स का क्या कहना है, आइए जानते हैं…
डॉक्टर्स क्या मानते हैं?
इस बारे में जब डॉक्टर्स से बात की गई कि आखिर सर्जिकल मास्क का यूज करॉना वायरस से बचने में कितना असरकारक है तो डॉक्टर्स इसे लेकर बहुत श्योर नहीं है। उनका कहना है कि अगर बड़े स्तर पर करॉना वायरस से बचने के लिए सिर्फ पर निर्भरता बढ़ा दी जाए तो यह सही नहीं है। हर व्यक्ति के लिए मास्क करॉना वायरस से सेफ्टी की गारंटी नहीं हो सकता। डॉक्टर्स का कहना है कि सर्जिकल मास्क का यूज सही जगह और सही वक्त पर किया जाना चाहिए।
जैसे हॉस्पिटल में होता है…क्योंकि वहां डॉक्टर और नर्स पेशंट के साथ ही उसके फैमिली मेंबर्स और अलग-अलग बीमारियों से ग्रसित पेशंट्स से घिरे रहते हैं। इस स्थिति में सर्जिकल मास्क उन्हें प्रॉटेक्ट करता है। लेकिन सर्जिकल मास्क पहनकर स्ट्रीट या पब्लिक प्लेस में घूमना और प्रॉटेक्शन की उम्मीद करना एक-दम अलग बात है। क्योंकि यह मास्क दो साइड से लगभग खुला होता है और इस तरह के वायरस से बचाने में यह पूरी तरह कारगर है, ऐसा कहना ठीक नहीं होगा।
वहीं, दूसरी तरफ डॉक्टर्स का कहना है कि अगर आप N95 रेस्पिरेटर मास्क पहनते हैं तो कुछ हद तक आप प्रोटेक्ट हो सकते हैं। क्योंकि यह सर्जिकल मास्क की तुलना में अधिक थिक फैब्रिक से बना होता है और है और फेस को अच्छी तरह कवर करता है। साथ ही सामान्य वायरस से प्रोटेक्ट करने में कारगर है। लेकिन यह करॉना वायरस से बचाने सेफ्टी में कितना उपयोगी है, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
एक हद तक हैं प्रभावी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि बात सर्जिकल मास्क की हो या N95 रेस्पिरेटर मास्क की ये सभी गंभीर वायरस से बचाने में एक लिमिट तक ही प्रभावी है। खासतौर पर एक पूरी तरह स्वस्थ व्यक्ति को प्रोटेक्ट करने का काम ये एक लिमिट तक करते हैं। ये खासतौर पर उस स्थिति में प्रभावी होते हैं जब एक बीमार इंसान N95 रेस्पिरेटर मास्क का इस्तेमाल करे ताकि उसके खांसने और छींकने के दौरान बीमारी के वायरस एयर के कॉन्टेक्ट में ना आएं और दूसरे लोग इनसे बचे रह सकें। लेकिन अगर एयर में इंफेक्शन फैलानेवाले वायरस मौजूद हैं तो मास्क एक लिमिट तक की आपको प्रोटेक्ट कर सकता है।
मास्क का इस्तेमाल करते समय भी जरूरी हैं ये सावधानियां…
अगर आप बीमार हैं या आपके घर में कोई फ्लू जैसी बीमारी से घिरा है तो आपको मास्क का इस्तेमाल करते समय कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना चाहिए। जैसे मास्क पहनने के दौरान किसी और चीज को टच ना करें। अगर आप मास्क कैरी कर रहे हैं और अपने हाथों से दूसरा स्टफ छू लेते हैं और फिर मुंह को टच कर लेते हैं तो आपका मास्क पहनना बेकार है। क्योंकि आपके वायरस बाहरी एयर के संपर्क में आ जाते हैं और बाहरी वायरस आपके मास्क को इंफेक्शन का घर बना सकते हैं।
इस तरह फैल सकता है करॉना
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि करॉना वायरस इससे पीड़ित व्यक्ति द्वारा खांसने या छींकने के दौरान ही आस-पास में बैठे लोगों को इंफेक्टेड बनाता है। साथ ही यह किसी पीड़ित व्यक्ति के लगातार संपर्क में रहने से फैलता है। ऐसा नहीं है कि आप सड़क पार कर रहे हैं और दूसरी तरफ से कोई करॉना वायरस से पीड़ित व्यक्ति आ रहा है तो आपको इंफेक्शन लग जाएगा।
यह है बचाव का सबसे शानदार तरीका
ऑरेंटो मेडिकल असोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉक्टर सोहैल गांधी के अनुसार, करॉना वायरस से बचने के लिए मास्क पहनने से ज्यादा प्रभावी तरीका है कि आप हैंड वॉश को लेकर अलर्ट रहें। पब्लिक प्लेस से आने के बाद घर का कोई भी सामान टच करने से पहले हाथ अच्छी तरह धो लें।
-पब्लिक प्लेस पर रहने के दौरान कोई भी सामान छूने, बस ट्रेन में जर्नी करने और लोगों से मिलने के बाद अपने हाथ अपने चेहरे पर ना लगाएं।
– अगर आपको किसी भी तरह की फिजिकल इलनेस फील हो रही है तो बेहतर है कि आप पब्लिक प्लेस पर जाएं ही नहीं और घर में आराम करें। क्योंकि जिस समय हमारी बॉडी थका हुआ महसूस कर रही होती है, उस समय हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी पॉवर भी पहले की तुलना में कमजोर होती है। इससे बाहरी वायरस का हम पर ज्यादा हावी होने का चांस बढ़ जाता है।
– मेडिकल फील्ड एक्सपर्ट्स लोगों को करॉना वायरस के चलते पैनिक ना होने की सलाह दे रहे हैं। इनका कहना है कि पैनिक होकर किसी भी समस्या का समना नहीं किया जा सकता है। सर्जिकल मास्क का बंडल खरीदने या हर समय वायरस के भय में जीने से बेहतर है कि हम स्वच्छता और हाईजीन का पूरा ध्यान रखें। खुद को कोल्ड, कफ और फ्लू से बचाकर रखें।