सर्दियों में खांसी, जुकाम, गला खराब होना और सर्दी लगना बेहद आम होता है। इसीलिए बार-बार हिदायत दी जाती है कि ठंड से बचकर रहें और ऐसी चीजें खाएं जो शरीर को गर्म रखें। लेकिन एक संक्रमण ऐसा है जो सर्दियों में तेजी से फैलता है और तेजी से ही शरीर को प्रभावित करता है। इस संक्रमण का नाम है Norovirus (नोरोवायरस)…
क्या होता है नोरोवायरस और कैसे फैलता है?सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन (Centres for Disease Control and Prevention-CDC) के अनुसार, नोरोवायरस एक प्रकार का वायरस होता है जो बहुत ज्यादा संक्रामक होता है। इसकी वजह से उल्टियों और डायरिया की समस्या हो जाती है। वैसे तो यह संक्रमण किसी भी मौसम में हो सकता है, लेकिन सर्दियों में यह और भी तेजी से फैलता है।
यह वायरस किसी भी व्यक्ति पर किसी भी मौसम में और कभी भी अटैक कर सकता है। यह संक्रमित भोजन या पानी के सेवन से फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी फैल सकता है। इसके अलावा संक्रमित जगहों को छूने और फिर उन्हीं संक्रमित हाथों से कुछ खाने या मुंह को छूने से भी नोरोवायरस शरीर के अंदर प्रवेश कर सकता है।
1- नोरोवायरस के सबसे आम लक्षण हैं-डायरिया, उल्टियां, उबकाई आना और पेट में दर्द। इसके अलावा यह फूड पॉइज़निंग को भी जन्म देता है।
2- इस संक्रमण की स्थिति में कई बार मरीज को बुखार, शरीर में तेज दर्द और सिरदर्द की समस्या भी हो सकती है।
3- मांसपेशियों में दर्द होने लगता है और कपकपी आने लगती है।
4- नोरोवायरस भोजन और पानी के जरिए आसानी से फैलता है और स्वास्थ्य को काफी प्रभावित करता है। चूंकि बच्चों और बूढ़ों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है, इसलिए ऐसे लोगों को यह वायरस ज्यादा प्रभावित करता है।
1- नोरोवायरस शरीर में पानी की कमी होने पर ज्यादा ऐक्टिव रहता है। इसलिए शरीर में पानी की कमी न होने दें और साफ पानी व जूस का भरपूर मात्रा में सेवन करें। इलेक्ट्रोलाइट्स और ओआरएस सलूशन पिएं व बच्चों को भी पिलाएं।
2- साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें और संक्रमण के प्रभाव में आने के बाद घर से बाहर न निकलें।
3- फल और सब्जियां धोकर खाएं व हाथ अच्छी तरह से धोएं।
4- संक्रमण होने पर किसी के लिए भी खाना न पकाएं। इसके ठीक होने तक किचन व खाना पकाने से दूरी बनाएं।
नोरोवायरस के संक्रमित होने का पता 12 से 48 घंटे के बीच में चलता है और मरीज को ठीक होने में 1 से 3 दिन लग जाते हैं। लेकिन इतने दिनों में अगर मरीज ठीक न हो तो फिर डॉक्टर से संपर्क करें।