कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते पैरासिटामोल सहित कुछ दवाओं और औषधीय तत्वों के निर्यात को केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित श्रेणी में रखा दिया है और इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। बता दें पिछले कई हफ्तों से चीन में जारी कोरोना वायरस के कहर का असर भारत औऱ चीन के बीच व्यापार पर दिखने लगा है। इससे आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरतों पर भी भारी असर पड़ा है। चीन से कच्चा माल न मिलने से बुखार की दवाओं से लेकर प्लास्टिक उत्पाद, मोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक्स उपकर महंगे हो गए हैं। हलांकि चीन को होने वाले निर्यात में रुकावट से जीरा, कपास जैसे उत्पादों के दाम गिर गए हैं। आइए देखें कोरोना वायरस का असर किन-किन समानों पर ज्यादा पड़ रहा है..
पैरासिटामॉल महंगी
दवाओं से जुड़े ज्यादातर रसायन चीन से आते हैं और आवाजाही बंद होने से आपूर्ति पर दबाव पड़ा है। बुखार और सिरदर्द में इस्तेमाल होने वाली पैरासिटामाल समेत कई जेनेरिक दवाइयों के दाम इसके असर से 20 से 45 फीसदी तक बढ़ गए हैं।
दवाएं | पहले | अब |
पैरासिटामॉल | 130 | 190 रुपये |
एजिथ्रोमाइसीन | 300 | 450 रुपये |
निमूस्लाइड | 85 | 118 रुपये |
(कीमत प्रति डिब्बा) |
नेबुलाइजर, सर्जिकल उपकरण महंगे
गोरखपुर के थोक दवा बाजार भालोटिया बाजार में मॉस्क की दो हफ्ते से किल्लत हो गई है। एन-95 मास्क पूरे प्रदेश में ही नहीं मिल रहा है। दर्द, बुखार और एंटीबायोटिक दवाओं के दाम 30 से 50 फीसदी बढ़ गए हैं। सर्जिकल उपकरणों के दाम बढ़ गए हैं। 500 एमएल वाला सेनिटाइजर 230 रुपये से 350 रुपया पहुंच गया है। बीपी मशीन 959 से 1100 रुपये और नेबुलाइजर 1080 से 1208 रुपये हो गया है। नार्फ्लाक्स टीजेड का बड़ा आर्डर सप्लाई देने से कंपनियां इनकार कर रहीं हैं। विटामिन सी की कमी हो गई है।