रोहतक (हरियाणा)। पीजीआईएमएस के आपातकालीन विभाग में एक बुखार का मरीज इलाज के लिए आया तो मौके पर बैठे डॉक्टर और नर्स उसे कोरोना संदिग्ध समझकर बाहर चले गए। मरीज का इलाज करने के बजाए कमरे से भागने वाले डॉक्टरों व नर्सों का कहना था कि वह बगैर एन-95 मास्क के मरीज की जांच नहीं कर सकते। इससे तो वे स्वयं भी संक्रमित हो सकते हैं। इस पर आपात विभाग में बवाल हो गया। घटना की सूचना अधिकारियों के पास पहुंची। उनके हस्तक्षेप पर डॉक्टर और नर्स वापस आए और मरीज की जांच की। हालांकि, मरीज को सामान्य बुखार की समस्या ही मिली है। वहीं मरीज का उपचार छोडक़र जाने वाले डॉक्टरों और नर्सों की जानकारी उनके विभागाध्यक्षकों को दे दी गई है।
सूत्रों का कहना है कि आपात विभाग में बैठेे डॉक्टरों के पास एन-95 मास्क और पीपीई किट नहीं थी। इसके चलते वह भयवश वार्ड से निकल गए थे। इन्हें सिंपल मास्क दिया गया था। वहीं अधिकारियों की मानें तो जब तक कोई मरीज सामने नहीं आता, तब तक एन-95 मास्क की जरूरत नहीं है। इसके बावजूद संस्थान ने स्पेशल मास्क उपलब्ध करवा रखे हैं, इन्हें डॉक्टर व स्टाफ अपने नाम पर इशू करवा सकते हैं।
पीजीआईएमएस के निदेशक डॉ. रोहतास कंवर यादव ने इस संबंध में बताया कि बुखार का मरीज आया था। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और नर्स मौके से कुछ समय के लिए कहीं चले गए। सूचना मिलने पर सीनियर डॉक्टर से बात कर उन्हें बुला लिया गया और जवाब मांगा गया है। मरीज को उपचार दे दिया गया है और आईसोलेशन में रखा गया है। हवाई अड्डे पर स्क्रीनिंग होने के बाद ही यात्री को आने दिया जा रहा है। इसलिए कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है। सामान्य मास्क भी उपयोग में लाया जा सकता है। अभी जिले में कोरोना पॉजिटिव कोई मरीज सामने नहीं आया है।