बदलती दिनचर्या के चलते आजकल हर इंसान किसी न किसी बीमारी से ग्रसित है। किसी को ब्लड प्रेशर की बीमारी है तो किसी को डायबिटिज की बीमारी। इन्हीं सब कारणों के चलते लोग मानसिक तनाव से भी ग्रस्त हैं। सही खान-पान व दिनचर्या नहीं होने और प्रदूषण के चलते शरीर पर चौतरफा आक्रमण झेलने की क्षमता कमजोर हो जाती है। शरीर का इम्यून सिस्टम यानि रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर होती जाती है। ऐसे में खानपान की कई ऐसी चीजें हैं, जिनके नियमित सेवन से शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है। ऐसा ही एक अनाज है रागी, जो ज्यादातर गांव देहात में खाया जाता है। विशेषकर आदिवासी अंचल में यह अनाज ज्यादा उपयोग में लाया जाता है।

www.myupchar.com से जुड़े लक्ष्मीदत्ता शुक्ला के अनुसार, रागी का दलिया जहां नवजात शिशुओं और बच्चों के लिए फायदेमंद है, वहीं यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी ऊर्जा देता है। वजन कम करना हो, डायबिटीज से परेशान हों या दिल की बीमारी हो, ऐसे हर मरीज के लिए रागी कारगर अनाज है। यह एक ऐसा मोटा अनाज है जो अपने छोटे-छोटे लाल दानों में कई बीमारियों का इलाज समेट कर रखता है। साथ ही इसका सेवन करना भी आसान है। खाने में बेहद जायकेदार व पौष्टिक रागी को ऐसे समझ सकते हैं कि 100 ग्राम रागी में पूरे 344 ग्राम कैल्शियम होता है। साथ ही यह ग्लूटन फ्री होता है। ऐसे लोग जिन्हें ग्लूटन युक्त अनाज से एलर्जी है, उनके लिए लिए रागी वरदान है।

रागी से सहज हो जाता है शरीर
रागी को नियमित खाने से शरीर में लचीलापन आता है। इसका मुख्य कारण इसका ग्लूटन फ्री होना है। इसमें मौजूद अन्य तत्व मानसिक अवसाद से निकलने में भी मदद करते हैं। साथ ही इन्सोमेनिया यानी नींद न आने की बीमारी के लिए भी ये एक शानदार औषधि है। रागी से मिलने वाले ये सारे फायदे इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट के कारण मिलते हैं।

त्वचा में निखार लाती है रागी
लाल दाने वाला ये अनाज त्वचा के लिए फायदेमंद हैं। इसके सेवन से त्वचा हमेशा चमकदार व जवां रहती है। इसमें मौजूद मिथायोनिन व लाइसिन त्वचा की कसावट के लिए काम करते हैं। ये दोनों तत्व त्वचा में झुर्रियों के आने से रोकते हैं।

पाचन में आसान
रागी पेट के लिए एक सुलभ अनाज है। चूंकि इसमें ग्लूटेन नहीं होता है, इसलिए ये अनाज आसानी से पच जाता है और छोटी व बड़ी आंत द्वारा इसमें मौजूद पोषक तत्व आसानी से अवशोषित कर लिए जाते हैं। दरअसर रागी में मौजूद ऐल्कलाइन तत्व खाने को जल्दी पचाने में मदद करता है। जब भी तबियत खराब होती है तो हल्का अनाज होने के कारण डॉक्टर बीमार व्यक्ति को रागी खाने की सलाह देते हैं।

हड्डियों में आती है मजबूती
चूंकि रागी में प्रति 100 ग्राम पर 344 मिग्रा कैल्शियम पाया जाता है, इसलिए रागी खाने से हड्डियां काफी मजबूत होती है। कैल्शियम खाने से शरीर में हड्डियां काफी मजबूत होती हैं। रागी में फास्फोरस काफी मात्रा में पाया जाता है।

पथरी के मरीज न खाएं रागी
रागी का बहुत ज्यादा सेवन करने से शरीर में ऑक्जैलिक एसिड की मात्रा बढ़ सकती है। ऐसे में पथरी के मरीजों का इसका सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि रागी के छिलकों को हमेशा हटाकर ही सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसके छिलकों को पचाने में काफी दिक्कत आती है। छिलके सहित खाने पर पेट दर्द या गैस की समस्या भी होने की आशंका रहती है।

www.myupchar.com से जुड़े लक्ष्मीदत्त शुक्ला के अनुसार, रागी का सीमित सेवन फायदेमंद है। ज्यादा खाने से शरीर में ऑक्सेलिक एसिड की मात्रा बढ़ सकती है।