आजकल पूरी दुनिया में सिर्फ और सिर्फ कोरोना वायरस की चर्चा है। यह पहली बार नहीं है जब कोरोना परिवार के किसी वायरस ने इंसानों में संक्रमण फैलाया हो। अब ज्ञात तौर पर छह तरह के कोरोना वायरस सामने आए हैं। नोवल कोरोना वायरस (एनसीओवी/कोविड-19) कोरोना वायरस परिवार का सातवां वायरस है। इससे पहले छह कोरोना वायरस मिल चुके हैं।
एचसीओवी-229-ई
मानव कोरोना वायरस 229-ई (एचसीओवी-229-ई) कोरोना वायरस की एक प्रजाति है जो मनुष्यों और चमगादड़ों को संक्रमित करती है।
एचसीओवी-एनएल-63
एचसीओवी-एनएल-63 अल्फा कोरोना वायरस की है। इसकी पहचान 2004 में यह सामने आया था।
एचसीओवी-ओसी-43
एचसीओवी-229-ई के साथ-साथ, एचसीओवी-ओसी-43 भी एक सामान्य सर्दी का कारक वायरस है।
एचसीओवी-एचकेयू-1
एचसीओवी-एचकेयू-1 को पहली बार जनवरी, 2005 में हांगकांग के एक 71 वर्षीय व्यक्ति में पहचाना गया था।
सार्स
कोरोना वायरस के परिवार का एक पूर्वज वायरस सार्स सबसे पहले 2003 में चीन में पाया गया था।
मर्स
मध्य-पूर्व देशों में मर्स-सीओवी को 2012 में सऊदी में खोजा गया था।
नोवल कोरोना वायरस
नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) का पहला मामला दिसंबर 2019 में चीन के वुहान में सामने आया था।
कोविड-19 ने चिंता क्यों बढ़ाई
*लक्षण जल्दी नहीं दिखते ’हांगकांग यूनिवर्सिटी में क्लिनिकल प्रोफेसर जॉन निकोलस के मुताबिक,नोवल कोरोना वायरस की पुष्टि न होने पर भी खतरा बरकरार है। एक-दो हफ्ते बाद दोबारा जांच जरूरी है, क्योंकि यह वायरस देरी से पनपता है।
*श्वसन तंत्र पर हमला करने वाला कोरोना खांसी, छींक के जरिये छह फीट के दायरे में दूसरे व्यक्ति तक पहुंच सकता है और 14 दिनों तक इसके लक्षण नहीं दिखते।