नई दिल्ली। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर ऑफ अमेरिका (एफडीए) ने कोरोना संक्रमण के इलाज में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन और क्लोरोक्विन के इस्तेमाल को असुरक्षित बताया है। एफडीए का कहना है कि इन दवाइयों के इस्तेमाल से मरीज को दिल से संबंधी जानलेवा दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि हॉइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का सबसे बड़ा उत्पादक देश भारत है। हाल ही में अमेरिका ने भारत को इन दवाइयों के लिए बड़ा ऑर्डर दिया है। इससे पहले मार्च में भारत ने इस दवाई के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था लेकिन ट्रंप की चेतावनी और मानवीय आधार पर भारत ने अमेरिका समेत कई देशों को इस दवाई को निर्यात करने का फैसला लिया था। एफडीए के मुताबिक हॉइड्रोक्सीक्लोरोक्विन और क्लोरोक्विन का इस्तेमाल अस्पतालों या क्लीनिकल ट्रॉयल्स में ही होना चाहिए, क्योंकि दूसरी जगह इनके इस्तेमाल से शख्स की मौत या उसे गंभीर नुकसान भी हो सकता है। इस गंभीर स्वास्थ्य नुकसान में दिल से संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। खासकर जब इन दवाइयों को एंटीबॉयोटिक एजिथ्रोमायसिन या दूसरी दवाइयों के साथ लेना बेहद नुकसानदेह हो सकता है। एफडीए उन मरीजों पर कड़ी निगरानी रख रहा है, जिन्होंने इन दवाइयों का सेवन किया है। प्रेसिडेंट ट्रंप पिछले दो महीनों में 50 बार इस दवाई का जिक्र कर चुके हैं। उनके मुताबिक यह दवाई गेम चेंजर साबित हो सकती है लेकिन यूरोप समेत खुद अमेरिका में ही इस दवाई की असरदार होने पर संशय है। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन पर हुए एक अध्ययन के प्राथमिक नतीजों से पता चला है कि दवाई का रिकवरी रेट पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता।