मुंबई। गुजरात में वडोदरा की कंपनी श्योर सेफ्टी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए अंतरिक्ष पोशाक (स्पेस सूट) बनाया करती थी। कंपनी ने पांच वर्ष पहले 2015 में भारत में पहला स्पेस सूट तैयार करने का तमगा हासिल किया था। हालांकि अब भारत के कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आने के बाद कंपनी ने दोबारा इस्तेमाल होने वाला व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट तैयार किया है।
श्योर सेफ्टी के प्रबंध निदेशक एवं संस्थापक निशिथ दांड ने कहा कि एक बार इस्तेमाल होने के बाद पीपीई किट पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिहाज से जोखिम का सबब बन सकते हैं। उन्होंने एयर पास सिस्टम का इस्तेमाल कर एक नया किट तैयार किया है और वडोदरा के अस्पताल में इसका प्रयोगिक परीक्षण भी शुरू हो चुका है। इस दोबारा इस्तेमाल होने वाले पीपीई के अलाव श्योर सेफ्टी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और गुजरात सरकार को 60 हजार पीपीई की आपूर्ति कर चुकी है। श्योर सेफ्टी उन गिनी-चुनी कंपनियों में शामिल है, जिसे सरकार ने कोविड-19 से बचाव के लिए पीपीई तैयार करने के लिए चुना है। कंपनी अब ऐसे किट का मासिक उत्पादन बढ़ाकर 1,80,000 तक करना चाहती है। कंपनी के इस कारनामे की चर्चा भारत के स्थानीय स्वास्थ्य उपकरण विनिर्माण क्षेत्र में जोर-शोर से हो रही है। कोविड-19 संक्रमण से जूझ रहे भारत में कई स्थानीय कंपनियां आगे आई हैं और वे सस्ते वैंटीलेटर से लेकर पीपीई, मास्क, सैनिटाइजर आदि के विनिर्माण में जुट गई हैं। देश में वैंटीलेटर का निर्यात करने वाली सबसे बड़ी कंपनी स्कैनरे टेक्नोलॉजिज के संस्थापक विश्वप्रसाद अल्वा कहते है कि सामान्य दिनों में सरकार निविदा जारी कर स्वास्थ्य उपकरणों का आयात करती है और हम भी निजी क्षेत्र के कारोबारी सौदे और निर्यात के साथ खुश रहते हैं।