नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की वैक्सीन बनाने के लिए तेजी से कम चल रहा है और ये अनुमानित वक्त से पहले तैयार कर ली जाएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के निदेशक जनरल टेडरॉस एडनॉम के अनुसार आठ ऐसी टीमें हैं जो उस वैक्सीन को बनाने के बेहद करीब हैं और जल्द ही दुनिया को एक बेहतरीन खबर मिल सकती है। टेडरॉस के मुताबिक कई देशों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है और करीब 100 अलग-अलग टीम वैक्सीन का ट्रायल कर रही हैं और इनमें से आठ ऐसी हैं जो इसके बेहद करीब भी हैं। दो महीने पहले हमने अनुमान लगाया था कि इसे बनने में 12 से 18 महीने का वक्त लग सकता है लेकिन काम में तेजी आई है और ये समय से पहले विकसित कर ली जाएगी। हालांकि, टेडरॉस ने देशों से अपील की है कि उन्हें शोध और अनुसंधान के लिए करीब आठ बिलियन डॉलर जुटाया गया है। वैक्सीन बनने के बाद बड़ी मात्रा में उसके उत्पादन की भी जरूरत पड़ेगी इसलिए ये रकम कम है। बीते दिनों उन्होंने 40 देशों से इस बारे में अपील भी की है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि आठ बिलियन डॉलर रकम काफी नहीं है हमने कुछ और मदद की जरूरत है। अगर ये मदद नहीं मिलती है तो वैक्सीन बनाने के काम में लगातार देरी होती रहेगी। टेडरॉस ने वैक्सीन के बारे मे जानकारी दी कि हम फिलहाल उन उम्मीदवारों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं जो नतीजे के करीब हैं और तेजी से काम करने में सक्षम हैं। टेडरॉस ने उन लोगों का नाम जाहिर करने से इनकार कर दिया। डायरेक्टर जनरल टेडरॉस एडनॉम ने बताया कि जनवरी से ही हम दुनियाभर के हजारों शोधकर्ताओं के साथ काम कर रहे हैं। ज्यादातर वैक्सीन जानवरों पर इस्तेमाल करना भी शुरू कर चुके हैं जबकि कुछ ह्यूमन ट्रायल भी शुरू कर चुके हैं। करीब 400 वैज्ञानिकों का एक दल इस पूरे काम-काज पर नजर रख रहा है। टेडरॉस ने कहा कि कोरोना संक्रमण बेहद खतरनाक है और बिना वैक्सीन के इस लड़ाई में हम काफी कमजोर स्थिति में बने रहेंगे।