हमीरपुर। कोरोना वायरस से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में अधिकारियों की भयंकर लापरवाही सामने आई है। यहां एक क्वारंटीन सेंटर में भर्ती 15 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को उनकी दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आए बिना ही घर भेज दिया गया। मामला सामने आते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में अब जांच के आदेश दिए गए हैं। 

हमीरपुर के एक क्वारंटीन सेंटर में भर्ती 15 मरीजों को स्वस्थ बताकर घर भेज दिया गया, बाद में शिमला से उनकी कोविड-19 पॉजिटिव रिपोर्ट आई तो प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। सभी कोरोना संक्रमितों को घर से कोविड-19 केयर सेंटर शिफ्ट किया गया है। बताया जा रहा है कि एसडीएम भोरंज ने सभी पॉजिटिव लोगों को घर भेजने के आदेश जारी किए थे। जिला प्रशासन ने मामला संज्ञान में आते ही जांच बिठा दी है।

स्वास्थ्य विभाग ने इनके सैंपल आईएचबीटी पालमपुर भेजे थे। बताया जा रहा है कि सैंपल जांच रिपोर्ट आने से पहले ही सभी को बुधवार को घर भेज दिया गया। लेकिन जब रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो हड़कंप मच गया। सभी को कोविड केयर सेंटर हमीरपुर शिफ्ट किया। संक्रमित मरीजों को घर भेजने से मुश्किलें और बढ़ सकती हैं क्योंकि परिवार के दूसरे सदस्य भी इनके संपर्क में आए होंगे। सीएमओ हमीरपुर डॉ. अर्चन सोनी ने कहा कि इस मामले की पड़ताल की जा रही है। राज्य सरकार ने भी पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। जांच के बाद प्रशासनिक अफसरों समेत अस्पताल प्रशासन के भी कई अधिकारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।

सभी कोरोना संक्रमित मुंबई से हमीरपुर लौटे थे और इन्हें जवाहर नवोदय विद्यालय डुंगरी, नादौन में क्वारंटीन किया गया था। हमीरपुर के डीसी हरिकेश मीणा ने बताया कि इनकी पहली टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई थी। लेकिन  इनकी दूसरी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हालांकि बुधवार दोपहर को ही इन्हें पहली जांच रिपोर्ट के आधार पर घर भेज दिया गया। मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी को वापस लाकर आइसोलेट किया गया है और इलाज किया जा रहा है।

इसके साथ ही जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा सबसे अधिक 78 पर पहुंच गया है, इनमें सक्रिय मामले 71 हैं। हमीरपुर जिले में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए 30 जून तक कर्फ्यू बढ़ा दिया गया है जबकि देशभर में लॉकडाउन अभी 31 मई तक ही लागू है।